الشعر
वो चंद सिक्के ही तो है जो भिखारी के एक ओर से मुड़े कटोरे से उच्चक कर कोशिश करते है अपनी उपयोगिता बताने की कभी खनकते थे मेरी मिटटी की गुल्लक में वो चंद सिक्के कभी कभी कोशिश करता था उन्हें गुल्लक में पैसे डालने वाली छोटी सी जगह से वापस निकलने की वो जिन्हे मंदिर के दानपात्र में डालने की होड़ लगती थी वो चंद सिक्के जो चले जाते थे फेरी वालो के हाथो में मुझे टॉफी, मूंगफली, चूरन दिलाने के लिए
© 2021 Pencil (كتاب ): 9789354385049
تاريخ الإصدار
كتاب : 12 مارس 2021
الشعر
वो चंद सिक्के ही तो है जो भिखारी के एक ओर से मुड़े कटोरे से उच्चक कर कोशिश करते है अपनी उपयोगिता बताने की कभी खनकते थे मेरी मिटटी की गुल्लक में वो चंद सिक्के कभी कभी कोशिश करता था उन्हें गुल्लक में पैसे डालने वाली छोटी सी जगह से वापस निकलने की वो जिन्हे मंदिर के दानपात्र में डालने की होड़ लगती थी वो चंद सिक्के जो चले जाते थे फेरी वालो के हाथो में मुझे टॉफी, मूंगफली, चूरन दिलाने के लिए
© 2021 Pencil (كتاب ): 9789354385049
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كتاب : 12 مارس 2021
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