كتب واقعية
निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जाएगी. मुकेश कुमार सिंह जो 32 का है, पवन गुप्ता 25 , विनय कुमार शर्मा 26 और अक्षय कुमार सिंह 31 साल का है. इन चारों को फांसी देने के लिए सबसे पहले 22 जनवरी 2020 की तारीख तय की गई थी, जिसे 7 जनवरी को अदालत ने एक फरवरी तक के लिए टाल दिया. इसके बाद 31 जनवरी को अदालत ने फांसी पर अनिश्चितकाल के लिये रोक लगा दी. फिर 17 फरवरी को अदालत ने एक बार फिर फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करते हुए 3 मार्च को सुबह 6 बजे का वक्त सजा के लिए मुकर्रर किया था.
निर्भया रेप केस लॉ का एक ऐसा केस बन गया है, जो किसी भी लीगल आब्जर्वर के लिए स्टडी का विषय बन सकता है. फांसी की तीन तारीख तय होने के बावजूद दोषियों के पास कोई न कोई विकल्प मौजूद होता था खुद को बचाने का. तो उन्हें वो मौका दिया जाता था. निर्भया के चौथे दोषी पवन गुप्ता ने अपनी मर्सी पेटिशन 2 मार्च को दायर की थी, वो याचिका भी राष्ट्रपति ने खारिज कर दी तभी 20 मार्च की तारिख फांसी देने के लिए तय की गई. ये केस जो पिछले सात सालों से कानूनी दाव पेंचों में फंसा हुआ था, वो 20 मार्च को इन चारों की फांसी के साथ शायद खत्म हो जाए.
सवाल ये है कि क्या निर्भया के दोषियों के पास अभी भी कोई लीगल ऑप्शन है खुद को बचाने का? या फांसी तय है? इसी पर आज बात करेंगे बिग स्टोरी पॉडकास्ट में.
एडिटर: संतोष कुमार
साउंड डिज़ाइन, प्रोड्यूसर और होस्ट: फबेहा सय्यद
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 5 مارس 2020
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निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जाएगी. मुकेश कुमार सिंह जो 32 का है, पवन गुप्ता 25 , विनय कुमार शर्मा 26 और अक्षय कुमार सिंह 31 साल का है. इन चारों को फांसी देने के लिए सबसे पहले 22 जनवरी 2020 की तारीख तय की गई थी, जिसे 7 जनवरी को अदालत ने एक फरवरी तक के लिए टाल दिया. इसके बाद 31 जनवरी को अदालत ने फांसी पर अनिश्चितकाल के लिये रोक लगा दी. फिर 17 फरवरी को अदालत ने एक बार फिर फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करते हुए 3 मार्च को सुबह 6 बजे का वक्त सजा के लिए मुकर्रर किया था.
निर्भया रेप केस लॉ का एक ऐसा केस बन गया है, जो किसी भी लीगल आब्जर्वर के लिए स्टडी का विषय बन सकता है. फांसी की तीन तारीख तय होने के बावजूद दोषियों के पास कोई न कोई विकल्प मौजूद होता था खुद को बचाने का. तो उन्हें वो मौका दिया जाता था. निर्भया के चौथे दोषी पवन गुप्ता ने अपनी मर्सी पेटिशन 2 मार्च को दायर की थी, वो याचिका भी राष्ट्रपति ने खारिज कर दी तभी 20 मार्च की तारिख फांसी देने के लिए तय की गई. ये केस जो पिछले सात सालों से कानूनी दाव पेंचों में फंसा हुआ था, वो 20 मार्च को इन चारों की फांसी के साथ शायद खत्म हो जाए.
सवाल ये है कि क्या निर्भया के दोषियों के पास अभी भी कोई लीगल ऑप्शन है खुद को बचाने का? या फांसी तय है? इसी पर आज बात करेंगे बिग स्टोरी पॉडकास्ट में.
एडिटर: संतोष कुमार
साउंड डिज़ाइन, प्रोड्यूसर और होस्ट: फबेहा सय्यद
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دفتر الصوت : 5 مارس 2020
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