خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
الشعر
अपनी बात.. सबसे पहले करूँ याद मेरे ह्रदय में,सँजोये मेरे माता पिताजी के,आशीर्वाद को जिनके कारण में आज इस दुनिया में हूँ,वे नहीं अभी मेरे साथ पर उनका आशीर्वाद जीवनपर्यंत मेरे साथ रहा,उनकी याद उनकी स्मृति को सादर प्रणाम।। आदमी जो भोगता है, वही उसका अनुभव,वेदना,ज्ञान, बरबस उसकी कविता में झलकता है,प्रभावित करता है, मेरे मन में जो,कविता है,वो मेरा भोगा हुआ यथार्थ है। अपने आसपास घटित हो रही एक आम हिंदुस्तानी की रोजमर्रा की,ज़िन्दगी पर उसका अवलोकन,जो कविता,के रूप में प्रकट हुआ। में अब क्या कहूँ,कहा बहुत कुछ,अब,समझ ही,लेना, लहज़े में कुछ कमी हो,तो,मेरे चेहरे ही,को पढ़ लेना, कभी होती है,किसी,शख्स को दर्द की,इंतिहा इतनी, उसे,बयां किसे, करे,कैसे करे,अक्सर,सूझता ही नहीँ, ~जयेश वर्मा
© 2021 Pencil (كتاب إلكتروني): 9789354386466
تاريخ النشر
كتاب إلكتروني: 6 أبريل 2021
الوسوم
أكثر من 200000 عنوان
وضع الأطفال (بيئة آمنة للأطفال)
تنزيل الكتب للوصول إليها دون الاتصال بالإنترنت
الإلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$9.99 /شهر
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$83.88 /سنة
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$53.64 /6 أشهر
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
عربي
الإمارات العربية المتحدة
