خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
الشعر
आज आपके हांथो या आपकी डिजिटल डिवाइस की स्क्रीन पर आपको ये पुस्तक पढ़ते देख मैं आपसे दूर बैठा ये बखूबी सोच सकता हूँ की आपके मन में ये प्रश्न तो उठा ही होगा कि ये लेखक भी कैसे प्राणी होते हैं क्या क्या रच डालते है क्या विचार उठते होंगे और क्यों उठते होंगे ये सब लिखने से पहले इनके मन में कैसे कैसे ये एक एक शब्द को जोड़ एक लाइन व् एक एक लाइन को जोड़ एक रचना बना डालते हैं भावों भरी जो नवरस का सुनहरा प्रारूप आपके मानस पर सृजित करते है कोई कोई तो हू ब हू वैसे ही हालात से गुजर चुका होता है।
देखो दोस्तों मैं भी आपका ही एक हिस्सा हूँ मेरा भी इसी संसार में जनम हुआ मेरे भी सभी पारिवारिक रिश्ते हैं जैसे आपके हैं तो मैं भी वैसे ही परिवेश में पला बढ़ा हुआ हूँ। मैं भी उन्ही हालात से सोच से निर्मित हूँ और वैसी ही भावनाएँ हैं मेरी। तो हम और आप सब एक ही मिट्टी के पुतले हैं और अंत में उसी मिट्टी में समा जाने हैं। बस यही कुछ फर्क है की मैंने उन्ही दिन प्रतिदिन के भावों को कागज़ पर उकेरा है पीड़ा , दर्द वेदना , ख़ुशी प्रसन्नता , मासूमियत आदि भाव रचनात्मक काव्य में उतार दिए हैं मेरा लेखन किसी विशेष तरज़ीह का मोहताज़ नहीं - रात नींद खुल गई कोई याद आ गया और मेरी कविता बन गई। किसी को ग़मज़दा देखा तो अपना ग़म याद आ गया तो मेरी कविता बन गई। और उन सब को जोड़ कर ये पुस्तक जो आज आपके सामने है वो बन गई। ओम इति साहित्यम। डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
© 2021 Pencil (كتاب ): 9789354583452
تاريخ الإصدار
كتاب : 8 يوليو 2021
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