خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
الشعر
वैदेही व्यथा
यह रचना सीता के वनवास को आधार बना कर लिखी गयी है । केवल जन मन रंजन के लिये एक धोबी के कहने को आधार बना कर भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण के द्वारा अपनी पतिव्रता पत्नी जनकनन्दिनी सीता को वन में भिजवा दिया । न उन्हें उनका अपराध या दोष बताया गया और न उन्हें कुछ कहने का ही अवसर दिया गया । जब उनका वन में परित्याग किया गया तब वे गर्भवती थीं । उस अवस्था में पति द्वारा परित्याग का दंश झेलनेवाली सीता के मन मे उठने वाले विभिन्न प्रश्नों, आशंकाओं को ही शब्द देने का प्रयास प्रस्तुत खण्डकाव्य में किया गया है । यह एक परित्यक्ता नारी की व्यथा की अभव्यक्ति है जो अंत तक अपने प्रिय की प्रतीक्षा करती रहती है, उसे अंतर्मन से पुकारती रहती है...
© 2021 Pencil (كتاب إلكتروني): 9789354585562
تاريخ النشر
كتاب إلكتروني: 11 يوليو 2021
الوسوم
أكثر من 200000 عنوان
وضع الأطفال (بيئة آمنة للأطفال)
تنزيل الكتب للوصول إليها دون الاتصال بالإنترنت
الإلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$9.99 /شهر
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$83.88 /سنة
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
$53.64 /6 أشهر
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
عربي
الإمارات العربية المتحدة
