الإدارة والأعمال
हर समाज में शिक्षा को समृद्धि की एक इकाई के रूप में देखा जाता है। बात भी सही है, अगर शैक्षणिक योग्यता हो तो व्यत्तिफ़ परिस्थति के अनुकूल सहजता से अपना जीवन यापन कर सकता है। जीवन यापन से तात्पर्य है अपनी योग्यता और अभिलाषा के अनुरूप आजीविका के जरिये जिन्दगी की गाड़ी को आगे बढ़ाना। लेकिन कभी-कभी आजीविका के उपलब्ध साधन और योग्यता में तालमेल नहीं बैठने के कारण व्यत्तिफ़ को संघर्ष करना पड़ता है। आजीविका के साधन मुख्यतः हमेशा से नौकरी, कृषि और व्यवसाय ही रहे हैं। हाँ ये बात जरूर है कि इस पर तात्कालिक, सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल का पूरा असर होता है। वैश्वीकरण और भूमंडलीकरण की प्रक्रिया ने विश्व भर में रोजगार के साधनों को प्रभावित किया है। मल्टीनेशनल कम्पनियों के आगमन से स्किल्ड मैनेजर्स तथा टेक्निकली एडवांस लोगों की मांग बढ़ी है। मैनेजेरियल स्किल्स को समझने और इसे विकसित करने के लिए मैनेजमेंट विशेष रूप से बिजनेस मैनेजमेंट एक महत्त्वपूर्ण कोर्स के रूप में उभरा है। मैनेजमेंट कोर्स की एक विशेष बात यह भी है कि यह नौकरी के अवसर के साथ-साथ खुद का बिजनेस करने तथा एंटरप्रेन्योर बनने की क्षमता विकसित करता है। दिनोदिन बढ़ते स्टार्टअप की वजह से बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स की मांग निरंतर बढ़ती ही जा रही है। कोरोना संकट काल में सरकार द्वारा प्रस्तावित आत्मनिर्भरता अभियान की बात अगर हम करें तो इसमें मैनेजमेंट कोर्स वाले अभ्यर्थी अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर भरपूर योगदान दे सकते हैं। लेकिन एमबीए कोर्स में एडमिशन लेने की समस्त प्रक्रियाओं के विषय में व्यापक जानकारी के अभाव में अभ्यर्थी योग्यता और क्षमता के बावजूद भी एमबीए करने के अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते। इतना ही नहीं, छात्र जब ग्रेजुएशन के बाद कोई प्रोफेशनल कोर्स या एमबीए करना चाहते हैं तो शुरू में उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन्हें क्या करना चाहिए? सीनियर्स से बातचीत करने तथा नेट पर सर्च करने के बाद भी संदेह की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में अगर उनके समक्ष कोई ऐसी पुस्तक हो जिसके जरिये वे अपने मन में उठने वाले सभी प्रश्नों का उत्तर पा सकें तो एमबीए करने की उनकी राह आसान हो जाएगी। इसी बात को ध्यान में रऽते हुए इस पुस्तक में एमबीए कोर्स में एडमिशन लेने के लिए किन-किन बातों पर गौर करना चाहिए, कौन से एग्जाम की तैयारी किस तरह करनी चाहिए, अपने लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का चयन कैसे करें? आर्थिक विवशता की स्थिति में अपनी पढ़ाई किस तरह जारी रखे ? आदि एमबीए में एडमिशन लेने से जुड़ी अनेक समस्याओं तथा उनका समाधान बताने की कोशिश सरल और आम बोलचाल की भाषा में की गयी है।
© 2019 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9789389851748
تاريخ الإصدار
كتاب : 3 يوليو 2019
الإدارة والأعمال
हर समाज में शिक्षा को समृद्धि की एक इकाई के रूप में देखा जाता है। बात भी सही है, अगर शैक्षणिक योग्यता हो तो व्यत्तिफ़ परिस्थति के अनुकूल सहजता से अपना जीवन यापन कर सकता है। जीवन यापन से तात्पर्य है अपनी योग्यता और अभिलाषा के अनुरूप आजीविका के जरिये जिन्दगी की गाड़ी को आगे बढ़ाना। लेकिन कभी-कभी आजीविका के उपलब्ध साधन और योग्यता में तालमेल नहीं बैठने के कारण व्यत्तिफ़ को संघर्ष करना पड़ता है। आजीविका के साधन मुख्यतः हमेशा से नौकरी, कृषि और व्यवसाय ही रहे हैं। हाँ ये बात जरूर है कि इस पर तात्कालिक, सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल का पूरा असर होता है। वैश्वीकरण और भूमंडलीकरण की प्रक्रिया ने विश्व भर में रोजगार के साधनों को प्रभावित किया है। मल्टीनेशनल कम्पनियों के आगमन से स्किल्ड मैनेजर्स तथा टेक्निकली एडवांस लोगों की मांग बढ़ी है। मैनेजेरियल स्किल्स को समझने और इसे विकसित करने के लिए मैनेजमेंट विशेष रूप से बिजनेस मैनेजमेंट एक महत्त्वपूर्ण कोर्स के रूप में उभरा है। मैनेजमेंट कोर्स की एक विशेष बात यह भी है कि यह नौकरी के अवसर के साथ-साथ खुद का बिजनेस करने तथा एंटरप्रेन्योर बनने की क्षमता विकसित करता है। दिनोदिन बढ़ते स्टार्टअप की वजह से बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स की मांग निरंतर बढ़ती ही जा रही है। कोरोना संकट काल में सरकार द्वारा प्रस्तावित आत्मनिर्भरता अभियान की बात अगर हम करें तो इसमें मैनेजमेंट कोर्स वाले अभ्यर्थी अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर भरपूर योगदान दे सकते हैं। लेकिन एमबीए कोर्स में एडमिशन लेने की समस्त प्रक्रियाओं के विषय में व्यापक जानकारी के अभाव में अभ्यर्थी योग्यता और क्षमता के बावजूद भी एमबीए करने के अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते। इतना ही नहीं, छात्र जब ग्रेजुएशन के बाद कोई प्रोफेशनल कोर्स या एमबीए करना चाहते हैं तो शुरू में उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन्हें क्या करना चाहिए? सीनियर्स से बातचीत करने तथा नेट पर सर्च करने के बाद भी संदेह की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में अगर उनके समक्ष कोई ऐसी पुस्तक हो जिसके जरिये वे अपने मन में उठने वाले सभी प्रश्नों का उत्तर पा सकें तो एमबीए करने की उनकी राह आसान हो जाएगी। इसी बात को ध्यान में रऽते हुए इस पुस्तक में एमबीए कोर्स में एडमिशन लेने के लिए किन-किन बातों पर गौर करना चाहिए, कौन से एग्जाम की तैयारी किस तरह करनी चाहिए, अपने लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का चयन कैसे करें? आर्थिक विवशता की स्थिति में अपनी पढ़ाई किस तरह जारी रखे ? आदि एमबीए में एडमिशन लेने से जुड़ी अनेक समस्याओं तथा उनका समाधान बताने की कोशिश सरल और आम बोलचाल की भाषा में की गयी है।
© 2019 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9789389851748
تاريخ الإصدار
كتاب : 3 يوليو 2019
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