الخيال العلمي
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म सन् 1838 को एक ख़ुशहाल बंगाली परिवार में हुआ था। वे बांग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार एवं कवि थे। बंकिमचन्द्र ने भारतीय मानवीय भावों को सहज शब्दों में दर्शाया है। धर्म, समाज, जाति एवं राजनीति मुद्दों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला है, भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार इनकी रचनाओं में अपनी छवि को देखता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम व क्रांतिकारियों के लिए ये प्रेरणास्रोत थे। इस उपन्यास में मृणालिनी और हेमचन्द्र आपस में अगाध प्रेम करते हैं। हेमचन्द्र प्रेम में इस कदर डूब जाता है कि उसे अपने कार्यभार का कोई ख़्याल नहीं रहता। हेमचन्द्र को मृणालिनी पर कई बार अविश्वास पैदा होता है, परंतु मृणालिनी बार-बार उसे अपने प्रेम का विश्वास दिलाती है।
© 2021 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9789390963249
تاريخ الإصدار
كتاب : 3 نوفمبر 2021
الخيال العلمي
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म सन् 1838 को एक ख़ुशहाल बंगाली परिवार में हुआ था। वे बांग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार एवं कवि थे। बंकिमचन्द्र ने भारतीय मानवीय भावों को सहज शब्दों में दर्शाया है। धर्म, समाज, जाति एवं राजनीति मुद्दों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला है, भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार इनकी रचनाओं में अपनी छवि को देखता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम व क्रांतिकारियों के लिए ये प्रेरणास्रोत थे। इस उपन्यास में मृणालिनी और हेमचन्द्र आपस में अगाध प्रेम करते हैं। हेमचन्द्र प्रेम में इस कदर डूब जाता है कि उसे अपने कार्यभार का कोई ख़्याल नहीं रहता। हेमचन्द्र को मृणालिनी पर कई बार अविश्वास पैदा होता है, परंतु मृणालिनी बार-बार उसे अपने प्रेम का विश्वास दिलाती है।
© 2021 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9789390963249
تاريخ الإصدار
كتاب : 3 نوفمبر 2021
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