الأدب الكلاسيكي
‘प्रेमा’ - प्रेमचंद जी द्वारा रचित उपन्यास है। जिसमें प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में विधवा विवाह की ओर ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इसी के साथ भविष्य में होने वाली दिशा का अनुभव करवाकर संकेत दिया है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में धार्मिक आडंबरों और व्याप्त पाखंड का चित्र अंकित किया है। इस उपन्यास के नायक है बाबू अमृतराय, जो एक ब्राह्मण वकील होने के साथ साथ समाज सुधारक की भूमिका में है और उन्होंने समाज में रह रहे ढोंगी पंडितों को उनके पाखंड को सबक सिखाया है। साथ ही सभी को गहरी सीख देने के लिए अपनी जीवनसंगिनी के रूप में एक विधवा स्त्री को चुना है। पाठकों को यह उपन्यास पढ़ कर पता चलेगा की देश में औरतों की क्या दुर्दशा थी और कैसे उसको सुधारा है?
© 2023 True Sign Publishing House (كتاب ): 9789354621208
تاريخ الإصدار
كتاب : 20 أبريل 2023
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‘प्रेमा’ - प्रेमचंद जी द्वारा रचित उपन्यास है। जिसमें प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में विधवा विवाह की ओर ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इसी के साथ भविष्य में होने वाली दिशा का अनुभव करवाकर संकेत दिया है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में धार्मिक आडंबरों और व्याप्त पाखंड का चित्र अंकित किया है। इस उपन्यास के नायक है बाबू अमृतराय, जो एक ब्राह्मण वकील होने के साथ साथ समाज सुधारक की भूमिका में है और उन्होंने समाज में रह रहे ढोंगी पंडितों को उनके पाखंड को सबक सिखाया है। साथ ही सभी को गहरी सीख देने के लिए अपनी जीवनसंगिनी के रूप में एक विधवा स्त्री को चुना है। पाठकों को यह उपन्यास पढ़ कर पता चलेगा की देश में औरतों की क्या दुर्दशा थी और कैसे उसको सुधारा है?
© 2023 True Sign Publishing House (كتاب ): 9789354621208
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كتاب : 20 أبريل 2023
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