Atharvashirsha Meaning Hindi (भाग 6)

5 التقييمات
0
Episode
6 of 9
المدة
3دقيقة
اللغة
اللغة الهندية
التنسيق
الفئة
كتب دينية

श्लोक 11

एतदथर्वशीर्षं योऽधीते ।स ब्रह्मभूयाय कल्पते ।स सर्वविघ्नैर्न बाध्यते ।स सर्वतः सुखमेधते ।स पञ्चमहापापात् प्रमुच्यते ।सायमधीयानो दिवसकृतम्पापन् नाशयति ।प्रातरधीयानो रात्रिकृतम्पापन् नाशयति ।सायम् प्रातः प्रयुञ्जानोऽअपापो भवति ।सर्वत्राधीयानोऽपविघ्नो भवति ।धर्मार्थकाममोक्षञ् च विन्दति ।इदम् अथर्वशीर्षम् अशिष्याय न देयम् ।यो यदि मोहाद्दास्यतिस पापीयान् भवति ।सहस्रावर्तनात् ।यं यङ् काममधीतेतन् तमनेन साधयेत् ।।

अर्थात :- इस अथर्वशीष का पाठ करता हैं वह विघ्नों से दूर होता हैं | वह सदैव ही सुखी हो जाता हैं वह पंच महा पाप से दूर हो जाता हैं | सन्ध्या में पाठ करने से दिन के दोष दूर होते हैं | प्रातः पाठ करने से रात्रि के दोष दूर होते हैं |हमेशा पाठ करने वाला दोष रहित हो जाता हैं और साथ ही धर्म, अर्थ, काम एवम मोक्ष पर विजयी बनता हैं | इसका 1 हजार बार पाठ करने से उपासक सिद्धि प्राप्त कर योगि बनेगा |

श्लोक 12

अनेन गणपतिमभिषिञ्चति ।स वाग्मी भवति ।चतुथ्र्यामनश्नन् जपतिस विद्यावान् भवति ।इत्यथर्वणवाक्यम् ।ब्रह्माद्यावरणम् विद्यात् ।न बिभेति कदाचनेति ।।

अर्थात :- जो इस मन्त्र के उच्चारण के साथ गणेश जी का अभिषेक करता हैं उसकी वाणी उसकी दास हो जाती हैं | जो चतुर्थी के दिन उपवास कर जप करता हैं विद्वान बनता हैं | जो ब्रह्मादि आवरण को जानता है वह भय मुक्त होता हैं | Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


الاستماع والقراءة

خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص

  • اقرأ واستمع إلى ما تريده
  • أكثر من مليون عنوان
  • العناوين الحصرية + أصول القصة
  • 14 يوم تجربة مجانية، ثم 9.99 يورو في الشهر
  • من السهل الإلغاء في أي وقت
اشترك الآن
Details page - Device banner - 894x1036

ملفات صوتية أخرى قد تحب ...