हर भारतीय के मन में बसी राम की दिव्य गाथा ‘रामायण’ हम ऑडियो रूपांतरण के जरिए प्रस्तुत कर रहें हैं. इस ‘ऑडियो रामायण’ में राम कथा को तीन अलग-अलग पात्र अपनी-अपनी नजर से देख रहे हैं. तीनों पात्र हैं; राम, रावण और सीता! तीनों के जीवन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. और यह कहानी भी इन तीनों की दृष्टिकोण से कही गयी है. सत्ययुग में भगवान विष्णु के डर से बचने के लिए सारे राक्षस रसातल में जा छुपे थे. ऋषि पुलत्स्य और केकसी के बड़े बेटे दशानन यानी रावण को लंका पर अपना अधिकार जमाना था. वो धरती पर से भगवान विष्णु का नामो-निशान मिटा देना चाहता था. अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा की घोर तपस्या करनी शुरू की. वो ब्रह्मा से वरदान पाना चाहता था. वहीं मनु के द्वारा स्थापित अयोध्या नगरी में इक्ष्वाकुवंशी महाराज अज के पुत्र महाराज दशरथ का राज था. जिन्हें कई वर्षो से एक ही चिंता खाए जा रही थी कि उनका कोई पुत्र नही हैं! उधर दूसरी तरफ़ हिमालय में वेदवती नाम की तपस्वी कन्या भगवान विष्णु से शादी करने के लिए तपस्या कर रही थी. पर दुर्भाग्य ने वेदवती के साथ कुछ ऐसा खेल खेला कि उसे फिर से जन्म लेना पड़ा. इस बार उसने जन्म लिया सीता के रूप में! और जिस रावण ने उनके सतीत्व पर हाथ डाला था, उसके विनाश का वह कारण बनी. आपको इन सभी घटनाओं के बीच से निकालते हुए यह ऑडियो रामायण राम के उस अस्तित्व तक ले जाएगी, जिसकी आराधना सब करते हैं.
इस ऑडियो रूपांतरण के लिए संदर्भ के तौर पर कई रामायण का प्रयोग किया गया है. महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण, रामचरित मानस, भावार्थ रामायण, आनन्द रामायण, अद्भुत रामायण ऐसे कई सारे रामायण को सन्दर्भ के लिए लिया गया है. जैसे मधुमख्खी कई फूलों से पराग इकठ्ठा करते हुए उसका शहद बनाती हैं, वैसे ही हमारी कोशिश रही हैं कि यहाँ इस ऑडियो रूपांतरण में हम कई कहानियों को एकत्रित रूप में ला सके. इस रामायण में श्रोतागण राम कथा के नये-नये मोती स्वयं खोज सकते हैं. तो जानिए राम को और बेहतर ढंग से, सुनिए ‘ऑडियो रामायण’! जय राम जी की!
हर भारतीय के मन में बसी राम की दिव्य गाथा ‘रामायण’ हम ऑडियो रूपांतरण के जरिए प्रस्तुत कर रहें हैं. इस ‘ऑडियो रामायण’ में राम कथा को तीन अलग-अलग पात्र अपनी-अपनी नजर से देख रहे हैं. तीनों पात्र हैं; राम, रावण और सीता! तीनों के जीवन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. और यह कहानी भी इन तीनों की दृष्टिकोण से कही गयी है. सत्ययुग में भगवान विष्णु के डर से बचने के लिए सारे राक्षस रसातल में जा छुपे थे. ऋषि पुलत्स्य और केकसी के बड़े बेटे दशानन यानी रावण को लंका पर अपना अधिकार जमाना था. वो धरती पर से भगवान विष्णु का नामो-निशान मिटा देना चाहता था. अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा की घोर तपस्या करनी शुरू की. वो ब्रह्मा से वरदान पाना चाहता था. वहीं मनु के द्वारा स्थापित अयोध्या नगरी में इक्ष्वाकुवंशी महाराज अज के पुत्र महाराज दशरथ का राज था. जिन्हें कई वर्षो से एक ही चिंता खाए जा रही थी कि उनका कोई पुत्र नही हैं! उधर दूसरी तरफ़ हिमालय में वेदवती नाम की तपस्वी कन्या भगवान विष्णु से शादी करने के लिए तपस्या कर रही थी. पर दुर्भाग्य ने वेदवती के साथ कुछ ऐसा खेल खेला कि उसे फिर से जन्म लेना पड़ा. इस बार उसने जन्म लिया सीता के रूप में! और जिस रावण ने उनके सतीत्व पर हाथ डाला था, उसके विनाश का वह कारण बनी. आपको इन सभी घटनाओं के बीच से निकालते हुए यह ऑडियो रामायण राम के उस अस्तित्व तक ले जाएगी, जिसकी आराधना सब करते हैं.
इस ऑडियो रूपांतरण के लिए संदर्भ के तौर पर कई रामायण का प्रयोग किया गया है. महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण, रामचरित मानस, भावार्थ रामायण, आनन्द रामायण, अद्भुत रामायण ऐसे कई सारे रामायण को सन्दर्भ के लिए लिया गया है. जैसे मधुमख्खी कई फूलों से पराग इकठ्ठा करते हुए उसका शहद बनाती हैं, वैसे ही हमारी कोशिश रही हैं कि यहाँ इस ऑडियो रूपांतरण में हम कई कहानियों को एकत्रित रूप में ला सके. इस रामायण में श्रोतागण राम कथा के नये-नये मोती स्वयं खोज सकते हैं. तो जानिए राम को और बेहतर ढंग से, सुनिए ‘ऑडियो रामायण’! जय राम जी की!
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