पर्यावरण पर आवाज उठाने वालों पर UAPA के तहत क्यों हुई थी कार्रवाई?

पर्यावरण पर आवाज उठाने वालों पर UAPA के तहत क्यों हुई थी कार्रवाई?

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Episode
238 of 376
Durasi
9menit
Bahasa
Hindi
Format
Kategori
Non Fiksi

पिछले साल न्यू यॉर्क में UN के क्लाइमेट समिट के दौरान पर्यावरण पर बात करते हुए स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा थन्बर्ग इमोशनल स्पीच पढ़ते हुए रो पड़ी थीं., और वहां मौजूद वर्ल्ड लीडर्स से पूछ बैठी, ' जब हम एक मास एक्सटिंक्शन की कगार पर हैं तो आप सब को पैसे की पड़ी हुई है, हाओ डेयर यू'.

16 साल की ग्रेटा ग्लोबल लेवल पर क्लाइमेट चेंज के खिलाफ कैंपेन कर रही हैं. अब इसी कैंपेन से जुड़ी एक इंडियन आर्गेनाईजेशन की वेबसाइट को UAPA के तहत नोटिस भेज कर दिल्ली पुलिस ने ब्लॉक कर दिया था. जब मामला सामने आया और सोशल मीडिया पर लोग सवाल खड़ने करने लगे तो दिल्ली पुलिस ने इसे गलती बताते हुए पल्ला झाड़ लिया और वेबसाइट को अनब्लॉक कर दिया गया. वहीं साइबर क्राइम सेल ने जो नोटिस जारी किया था, उसे भी वापस ले लिया गया. लेकिन इस सबके बाद वेबसाइट से जुड़े स्टूडेंट्स जो एक पर्यावरण कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, वो काफी डर गए हैं.

आखिर ये कौन सा कानून है जिसके लिए प्रोटेस्ट हुए, और जिन्हें खामोश करने के लिए पुलिस को आतंकवाद के कानून का सहारा लेना पड़ा? इसी पर आज बात करेंगे इस पॉडकास्ट में. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


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