बाबा बटेसरनाथ कोई मनुष्य नहीं, बल्कि एक बूढ़ा बरगद है जिसके प्रति गाँव के लोगों की भावना वैसी ही है जैसी अपने किसी बड़े-बूढ़े के प्रति होती है, और इसीलिए वे लोग उस पेड़ को साधारण ‘बरगद’ नाम से नहीं, बल्कि आदरसूचक ‘बाबा बटेसरनाथ’ कहकर पुकारते हैं। यही बाबा बटेसरनाथ अपनी कहानी सुनाते-सुनाते पूरे गाँव की कहानी सुना जाते हैं, जिसकी कई पीढ़ियों के इतिहास के वे साक्षी रहे हैं. हिंदी में जनता के कवि नागार्जुन का एक अनूठा उपन्यास. ©Rajkamal Prakashan
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353645779
Release date
Audiobook: 12 April 2019
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बाबा बटेसरनाथ कोई मनुष्य नहीं, बल्कि एक बूढ़ा बरगद है जिसके प्रति गाँव के लोगों की भावना वैसी ही है जैसी अपने किसी बड़े-बूढ़े के प्रति होती है, और इसीलिए वे लोग उस पेड़ को साधारण ‘बरगद’ नाम से नहीं, बल्कि आदरसूचक ‘बाबा बटेसरनाथ’ कहकर पुकारते हैं। यही बाबा बटेसरनाथ अपनी कहानी सुनाते-सुनाते पूरे गाँव की कहानी सुना जाते हैं, जिसकी कई पीढ़ियों के इतिहास के वे साक्षी रहे हैं. हिंदी में जनता के कवि नागार्जुन का एक अनूठा उपन्यास. ©Rajkamal Prakashan
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353645779
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Audiobook: 12 April 2019
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Step into an infinite world of stories
Overall rating based on 59 ratings
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Rakesh
22 Oct 2023
एक बुजुर्ग बरगद बाबा की कहानी. सुनाई उन्होंने उसे युवा को जिसके पर बाबा ने इस बरगद को लगाया और उन्होंने तथा गांव वालों ने ता उम्र उसकी सेवा की, और भारत के इतिहास की कहानी, जब लोगो ने आजादी ली लड़ाई लड़ी और अब उन सपनों को चूर-चूर होता देख रहे हैं. फिर उसी बरगद बाबा ने अपना बलिदान देकर एक नए जीवन की शुरुआत की. विलक्षण कहानी, जो हमें एहसास कराती हैं कि पेड़ पौधों में भी समझ और संवेदनाएं हाेती है!!!
Madan
30 Jun 2022
Simple, plain yet heart touching autobiography of a Banyan Tree sorry Baba Batesarnath.....
dhananjay
30 Nov 2021
बहुत सुन्दर उपन्यास और बहुत सुंदर अभिवाचन
Neera
5 Mar 2024
Narration is good.
Nilesh Shashikant
23 Feb 2021
Nice
English
India