राजन, सीतलवादी में एक कंपनी में काम की तलाश में जाता है। वहां एक दिन रास्ते में वह एक लड़की से टकरा जाता है। जिसका नाम पार्वती है। वह दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन जब यह बात लड़की के बाबा को पता चलती है। तो वह यह आघात बर्दाश्त नहीं कर पाते और मरने से पहले पार्वती का विवाह कंपनी के मैनेजर हरीश से तय कर जाते हैं। एक दिन रस्सी का पुल पार करते हुए हरीश मर जाता है। पार्वती, राजन को हरीश का जिम्मेदार ठहराती है क्योंकि घटना के समय राजन भी वही मौजदू होता है। क्या वास्तव में ही राजन हरीश की मौत का जिम्मेदार था ? क्या पार्वती के विधवा होने पर राजन ने फिर उससे विवाह किया ? क्या पार्वती ने अपने पति की मौत का बदला लिया ? दो तड़पते दिलों की कहानी जिसे लोकप्रिय उपन्यासकार गुलशन नंदा ने लिखा है। गुलशन नंदा [1929-1985] हिंदी के स्टार लेखक थे जिनके बेस्टसेलर उपन्यासों ने लोकप्रियता के कीर्तिमान स्थापित किए. उनके बहुत सारे उपन्यासों पर सफल हिंदी फ़िल्में बनीं जिनमें काजल, पत्थर के सनम, कटी पतंग, खिलौना, शर्मीली शामिल हैं. यह ऑडियोबुक के रूप में प्रकाशित होने वाला उनका पहला उपन्यास है. आज के मशहूर क्राइम लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक का कहना है कि "आज भी.... हिंदी लोकप्रिय साहित्य के इतिहास में उनका मुकाम इतना बुलंद है कि कोई लेखक उसके करीब भी नहीं पहुंच पाया है।"
Release date
Audiobook: 6 August 2021
राजन, सीतलवादी में एक कंपनी में काम की तलाश में जाता है। वहां एक दिन रास्ते में वह एक लड़की से टकरा जाता है। जिसका नाम पार्वती है। वह दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन जब यह बात लड़की के बाबा को पता चलती है। तो वह यह आघात बर्दाश्त नहीं कर पाते और मरने से पहले पार्वती का विवाह कंपनी के मैनेजर हरीश से तय कर जाते हैं। एक दिन रस्सी का पुल पार करते हुए हरीश मर जाता है। पार्वती, राजन को हरीश का जिम्मेदार ठहराती है क्योंकि घटना के समय राजन भी वही मौजदू होता है। क्या वास्तव में ही राजन हरीश की मौत का जिम्मेदार था ? क्या पार्वती के विधवा होने पर राजन ने फिर उससे विवाह किया ? क्या पार्वती ने अपने पति की मौत का बदला लिया ? दो तड़पते दिलों की कहानी जिसे लोकप्रिय उपन्यासकार गुलशन नंदा ने लिखा है। गुलशन नंदा [1929-1985] हिंदी के स्टार लेखक थे जिनके बेस्टसेलर उपन्यासों ने लोकप्रियता के कीर्तिमान स्थापित किए. उनके बहुत सारे उपन्यासों पर सफल हिंदी फ़िल्में बनीं जिनमें काजल, पत्थर के सनम, कटी पतंग, खिलौना, शर्मीली शामिल हैं. यह ऑडियोबुक के रूप में प्रकाशित होने वाला उनका पहला उपन्यास है. आज के मशहूर क्राइम लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक का कहना है कि "आज भी.... हिंदी लोकप्रिय साहित्य के इतिहास में उनका मुकाम इतना बुलंद है कि कोई लेखक उसके करीब भी नहीं पहुंच पाया है।"
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Audiobook: 6 August 2021
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Kangana
19 Aug 2021
Heart wrenching love story 😔❤Seetal Waadi ko chhodte hue dukh ho raha hai 😔
Ashutosh
21 Mar 2022
Lovely story
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India