"मृत्युंजय" यह शिवाजी सावंत लिखित सूर्य पुत्र कर्ण कि अद्भुत जीवन गाथा है. मराठी के यशस्वी उपन्ययासकार शिवाजी सावंत का सांस्कृतिक उपन्यास मृत्युंजय आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य में निःसन्देह एक विरल चमत्कार है। ‘मूर्तिदेवी’ पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित और अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित यह कालजयी उपन्यास अपने लाखों पाठकों की सराहना पाकर इस समय भारतीय साहित्य-जगत् में लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित है। मृत्युंजय उपन्यास महारथी दानवीर कर्ण के विराट् व्यक्तित्व पर केन्द्रित है। महाभारत के कई मुख्य पात्रों के बीच - जहाँ स्वयं कृष्ण भी - कर्ण की ओजस्वी, उदार, दिव्य और सर्वांगीण छवि प्रस्तुत करते हुए श्रीसावंत ने जीवन के सार्थकता, उसकी नियति और मूल-चेतना तथा मानव-सम्बन्धों की स्थिति एवं संस्कारशीलता की मार्मिक और कलात्मक अभिव्यक्ति की है। यह किताब पहली बार हिंदी ऑडियोबुक के रूप में उपलब्ध है!
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789353813017
Translators: Om Shivraj
Release date
Audiobook: 29 March 2021
"मृत्युंजय" यह शिवाजी सावंत लिखित सूर्य पुत्र कर्ण कि अद्भुत जीवन गाथा है. मराठी के यशस्वी उपन्ययासकार शिवाजी सावंत का सांस्कृतिक उपन्यास मृत्युंजय आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य में निःसन्देह एक विरल चमत्कार है। ‘मूर्तिदेवी’ पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित और अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित यह कालजयी उपन्यास अपने लाखों पाठकों की सराहना पाकर इस समय भारतीय साहित्य-जगत् में लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित है। मृत्युंजय उपन्यास महारथी दानवीर कर्ण के विराट् व्यक्तित्व पर केन्द्रित है। महाभारत के कई मुख्य पात्रों के बीच - जहाँ स्वयं कृष्ण भी - कर्ण की ओजस्वी, उदार, दिव्य और सर्वांगीण छवि प्रस्तुत करते हुए श्रीसावंत ने जीवन के सार्थकता, उसकी नियति और मूल-चेतना तथा मानव-सम्बन्धों की स्थिति एवं संस्कारशीलता की मार्मिक और कलात्मक अभिव्यक्ति की है। यह किताब पहली बार हिंदी ऑडियोबुक के रूप में उपलब्ध है!
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789353813017
Translators: Om Shivraj
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Audiobook: 29 March 2021
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Mayank
29 Mar 2021
लिखा अच्छा है लेकिन तथ्य परक कम भावनात्मक अधिक है अदभुत लेखन
Madan
9 Apr 2022
लेखक सिर्फ़ अपनी बात महाभारत के पात्रों के माध्यम से कहना चाह रहे हैं। लेकिन अंत में संदेश देना ही भूल गए। थका देने वाली लंबी किताब है। कुछ नया नहीं है किंतु एक बार सुनी जा सकता है।
Anoop
13 Jan 2022
Excellent book
Manoj gupta
25 Jun 2021
एक बहुत सुंदर कहानी अभूतपूर्व पहने का तरीका और बहुत सारी ऐसी जानकारियां इस किताब से मिली जो पहले मालूम नहीं थी
Mrs. Vijay
17 Dec 2021
कर्ण जो 'महाभारत' की कथा में एक त्रिशंकु की भांति कौरवों और पांडवों के बीच सदैव से ही झूलता रहा, उसकी मन: स्थिति की ऊहापोह से संपूर्ण उपन्यास उसके द्वन्द्वात्मक चरित्र को बखूबी उतार पाया है। इतना ही नहीं 'महाभारत' के अन्य पात्रों ने भी बीच बीच में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने संवादों द्वारा कर्ण के प्रति अपनी भावनाओं को तो व्यक्त किया ही साथ ही इससे उपन्यास उस उबाऊपने से भी बचा जो कि आदि से अंत तक केवल कर्ण के संवादों से पाठक को होता। इस आधार पर उपन्यास पठनीय है।
Nikhil
18 May 2021
Masterpiece ❤️
Prajakta
23 Nov 2021
Unnecessarily emotionally driven. Read "maha Samar" instead of any Shivaji sawant books. The facts are not well researched. We have great history and we can learn so much. Why do you need to create something that diverts readers from truth.
Nidhi
4 Mar 2022
Lots of derivation and deviation from Vyasa Mahabharat yet as a story it’s great. If you allow fictional liberty and treat all the deviations done by author then you may appreciate the book but if you compare it with Mahasamar of Narendra Kohli than it’s weak
Alka Sharma
22 May 2021
Jabardast
Anish
28 Feb 2022
Very good
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