Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Read and listen as much as you want
  • Over 950 000 titles
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • Easy to cancel anytime
image.devices-Singapore 2x
Cover for Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan: कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण

Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan: कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण

Duration
0H 12min
Language
Hindi
Format
Category

Teens & Young Adult

Kitni Purnta - Malgudi Days by R. K. Narayan - कितनी पूर्णता - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण "यह कहानी एक ऐसे मूर्तिकार की है जो पाँच साल की महनत के बाद एक मूर्ति को पूरा कर पाता है। यह भगवान नटराज की मूर्ति है, जिन्हे हर कोई एक परिपूर्ण देवता मानता है। इसलिए उनकी मूर्ति भी ऐसी होनी चाहिए, जिसे देखते ही लोग उनकी आभा को महसूस कर सके। पुजारी मूर्तिकार से मूर्ति के एक अंगूठे को तोड़ने के लिए कहते हैं ताकि वह देखने पर सुरक्षित रहे, लेकिन मूर्तिकार ऐसा नहीं करता। बदले में पुजारी मंदिर में पूजा करने से मना कर देते हैं। मूर्तिकार अपने घर को ही एक मंदिर में बदल देता है ताकि वह वहां पर पूजा कर सके। यह देखकर भगवान खुद हर तरह की प्राकृतिक आपदा उत्पन्न कर इस क्षेत्र का नाश करते हैं। ऐसा होने पर क्षेत्र के कई निवासी मूर्तिकार से विनती करते हैं की वह सब की भलाई के लिए मूर्ति की पूर्णता को कुर्बान करे, पर वह ऐसा नहीं करता। वह खुद को भगवान् को समर्पित करने के लिए झील में डूबने के लिए निकलता ही है कि उसके घर पर एक पेड़ गिर जाता है। वह वापस आकर देखता है, तो मूर्ति के एक अंगूठे के अलावा और कुछ भी टूटता नहीं है। अब जाकर इस मूर्ति की स्थापना मंदिर में होती है और मूर्तिकार अपना व्यापार बंद कर देता है।“ लेखक आर. के. नारायण “मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।

© 2025 LOTUS PUBLICATION (Audiobook): 9798318480003

Release date

Audiobook: 3 May 2025

Features:

  • Over 950 000 titles

  • Kids Mode (child safe environment)

  • Download books for offline access

  • Cancel anytime

Most popular

Unlimited

For those who want to listen and read without limits.

S$12.98 /month

3 days free
  • Unlimited listening

  • Cancel anytime

Try now

Unlimited Bi-yearly

For those who want to listen and read without limits.

S$69 /6 months

14 days free
Save 11%
  • Unlimited listening

  • Cancel anytime

Try now

Unlimited Yearly

For those who want to listen and read without limits.

S$119 /year

14 days free
Save 24%
  • Unlimited listening

  • Cancel anytime

Try now

Family

For those who want to share stories with family and friends.

Starting at S$14.90 /month

  • Unlimited listening

  • Cancel anytime

You + 1 family member2 accounts

S$14.90 /month

Try now