लोभी सियार (Covetous jackal)

लोभी सियार (Covetous jackal)

0 Ratings
0
Episode
24 of 25
Duration
3min
Language
Hindi
Format
Category
Children

अर्थात् जिसके भाग्य में जितना लिखा होता है उसे उतना ही मिलता है, देखो कैसे अकेले बैल के मारे जाने की आशा में सियार को पन्द्रह वर्षों तक भटकना पड़ा।

किसी जंगल में तीक्ष्णशृंग नामक एक बैल रहता था वह अपनी शक्ति के नशे में चूर होकर अपने झुण्ड से अलग हो गया था और अकेला ही घूमता रहता था। हरी-हरी घास खाता, ठण्डा जल पीता और अपने तीख़े सींगों से खेलता रहता था। उसी जंगल में अपनी पत्नी के साथ एक लोभी सियार भी रहता था। नदी के तट पर जल पीने आए उस बैल को देखकर उसकी पत्नी कहने लगी, “यह अकेला बैल कब तक जीवित रह पाएगा? जाओ, तुम इस बैल का पीछा करो। अब जाकर हमें कोई अच्छा गोश्त खाने को मिलेगा।”

सियार बोला, “अरे मुझे यहीं बैठा रहने दो। जल पीने के लिए आने वाले चूहों को खाकर ही हम दोनों अपनी भूख मिटा लेंगे। जो हमें मिल नहीं सकता उसके पीछे भागना मूर्खता होती है।”

सियारिन बोली, “तुम मुझे भाग्य से मिले थोड़े-बहुत पर ही सन्तुष्ट होने वाले आलसी लगते हो। अगर तुम अपना आलस छोड़ कर और पूरे ध्यान से इस बैल का पीछा करोगे तो हमें अवश्य ही सफलता हासिल होगी। तुम भले ही मत जाओ, मैं तो जा रही हूँ।”

Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Read and listen as much as you want
  • Over 1 million titles
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • 14 days free trial, then €9.99/month
  • Easy to cancel anytime
Try now
image.devices-Singapore 2x
Cover for लोभी सियार (Covetous jackal)

Other podcasts you might like ...