न्यूज चैनलों पर होने वाली 'जहरीली बहस' पर फिर सोचने की जरूरत क्यों है?

न्यूज चैनलों पर होने वाली 'जहरीली बहस' पर फिर सोचने की जरूरत क्यों है?

0 Ratings
0
Episode
252 of 376
Duration
15min
Language
Hindi
Format
Category
Non-Fiction

पिछले कुछ सालों से न्यूज चैनलों पर चल रही बहसों में जिस टॉक्सिसिटी जहरीलेपन की बात होती आई है. वो 12 अगस्त को सोशल मीडिया पर अपने चरम पर दिखी. ये जहरीलापन किस कदर नुकसान पहुंचाता है, दिमाग और सेहरत पर इसका असर होता है इसकी भी बात हुई.

दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी का 12 अगस्त को निधन हो गया. निधन के कुछ मिनटों पहले वो एक नेशनल न्यूज चैनल पर चल रही डिबेट में अपनी पार्टी का पक्ष रख रहे थे. ज्यादातर डिबेट्स की तरह इस डिबेट में भी एक दूसरे पर आरोप लग रहे थे, गरमा-गरमी चल रही थी, पर्सनल अटैक तक हो रहे थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान ही राजीव त्यागी को सीने में तकलीफ होनी शुरू हुई. कुछ देर बाद वो बेहोश हो गए गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल उन्हें ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

इस मौत पर सवाल उठ रहे हैं. ये भी पूछा जा रहा है क्या न्यूज चैनल के एंकरों और एडिटर्स तक को फिर से जर्नलिज्म की बुनियादी तालिम की जरूरत है?

यही आज के पॉडकास्ट का विषय भी है. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Read and listen as much as you want
  • Over 1 million titles
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • 14 days free trial, then €9.99/month
  • Easy to cancel anytime
Try now
image.devices-Singapore 2x
Cover for न्यूज चैनलों पर होने वाली 'जहरीली बहस' पर फिर सोचने की जरूरत क्यों है?

Other podcasts you might like ...