दिल्ली और जयपुर दोनों जगह हुए मर्डर केस को पुलिस एक दूसरे से जोड़ तो रही थी पर अभी उसे इस बात पर संदेह कर रहे थे वह इस बात पर कोई खास निर्णय नहीं ले पाए थे क्योंकि पहले हुए दोनों मर्डर केस में उन्हें पर्ची मिली थी वह जयपुर में वह मर्डर केस में नहीं मिली थी पर तीनों मर्डर केस पर जितने भी चाकू के निशान थे और जितने भी ऊपरी ऊपरी घाव एक जैसे थे और उधर जीत विक्रम के पिता को एक जैकेट मिला जिसमें उन्हें वह सिम पर्ची मिले जिस पर सुकून लिखा हुआ था पर उन्हें यह बात समझ नहीं आई पर फिर उन्होंने यह बात पुलिस को बताई और पुलिस ने कंफर्म कर दिया कि तीनों मडर केसेस किसी एक ही इंसान ने किए हैं जो कि शायद बहुत सरफिरा या पागल सा है आखिर क्यों कोई किसी को मारेगा और उसे इस तरह का कोई पर्ची लिखकर देगा आखिर इस शब्द का तीनों मर्डर केस से क्या संबंध था पुलिस के लिए यह बात समझने अब और भी मुश्किल होता जा रहा था इधर डॉक्टर सिंह नाम बाकी दोनों बॉडी मिलने के बाद उनकी जांच की और पुलिस वालों को बताया कि इन दोनों बॉडी में भी वही केमिकल इस्तेमाल हुआ है पर कोई किसी को इतनी बुरी तरह से क्यों मारेगी पर पुलिस के पास मिशा मीरा और जीत से पूछताछ करने के अलावा कुछ और नहीं बचा था पुलिस ने तीनों को वहां बुलाया उन तीनों ने जयपुर पहुंचकर एक दूसरे से मिले कर और मीरा ने मिशा को ठीक से समझा दिया था कि उसे क्या और कैसे बोलना है और मिशा भी यह जानती थी कि अगर उसने थोड़ी सी भी गलती की तो वो इस केस में बहुत बुरा फंस जाएगी पर इन तीनों के वहां पहुंचते ही इन्हें एक साथ देखकर तो पुलिस वाले ही दंग रह गए थे क्योंकि यही तीनों वह लोग थे जिन्होंने पहली और आखिरी बॉडी सबसे पहले देखी थी तो अब क्या पुलिस वालों का इन तीनो पर शक और गहरा हो जाएगा और आखिर कौन है जो इन तीनों के अलावा उसे मर्डर केस को जानता है और क्यों कोई किसी को इतनी बुरी तरह से मारेगा आखिर ऐसा क्या किया था इन लोगों ने क्या पुलिस इस बात का पता लग पाएगी
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