पुलिस वालो के लिए मीरा अब एक रहस्य की तरह थी जिसका ना तो वो फोन एक्सेस कर पा रहे थे ना कोई डिटेल पता कर पा रहे थे ना ही उसका कोई सोशल मीडिया आकाउनट था और ये सब अजीब हो भी क्यो ना आखिर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आज कल सब होते है और किसी के भी बारे मे आसानी से पता किया जा सकता है आजकल इतने ज्यादा विकल्प जो है पर ये लड़की तो कही नही थी जैसे किसी ने बहुत चालाकी से उसका अतीत मिटा दिया हो एकदम नयी पहचान ना ज्यादा दोस्त ना जानने वाले आखिर कोई ऐसे कैसे रह सकता है या फिर कोई सोची समझी चाल की उसका अतीत कही छुपा दिया हो और बिना सबूत उसे कस्टडी मे नही ले सकते थे और पुलिस वाले खुद पर बढ़ते दबाव को भी लेकर परेशान हो गये थे जीत को ये सब सुनकर लगा की मीरा बहुत शांत लड़की है फिर भी जीत मीरा के बारे मे पता करना चाहता था इसलिए उसने दादु के दोस्त को फोन किया और उसे मीरा के बारे मे पता करने को कहा पुलिस और जीत दोनो अपने तरफ से पुरी कोशिश कर रहे थे की कुछ पता चल जाये पर मीरा रोज की तरह अपने कामो मे लगी थी इन सारी चीजो से मीरा को कोई फर्क नही पड़ रहा था दादु के दोस्त से ये सुनने के बाद की वो जर्नल शेखावत के घर जाने वाले है जीत के मन मे बहुत कुछ चल रहा था आफिस मे बहुत देर तक काम करने के बाद जीत ने मीरा को घर छोड़ने के लिए कहा और दोनो साथ मे घर के लिए निकल गए पर क्या दोनो सुरक्षित घर पहुंच पाएगे और आखिर क्या पता चलेगा दादु के दोस्त को ?
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