48: अंग्रेज़ी न बोलने के लिए बेंत खाते हुए बच्चों के बीच मैं चार भाषाओं में बड़ा हुआ: अखिल कात्याल

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Episode
48 of 116
Duration
33min
Language
Hindi
Format
Category
Non-Fiction

‘बोलती किताबों’ के इस पॉडकास्ट में हमारी होस्ट मोहिनी गुप्ता आज मशहूर कवि और क्वीयर कार्यकर्ता अखिल कात्याल से बात कर रही हैं. लखनऊ में जन्मे अखिल के दो संग्रह How Many Countries Does the Indus Crossऔर Night Charge Extraप्रकाशित हो चुके हैं. आपने रवीश कुमार की किताब ‘इश्क में शहर होना’ का A City Happens in Loveनाम से अनुवाद किया है. अखिल की कविताओं ने तेजी से अपने पाठकों के बीच अपनी छाप छोड़ी है. अखिल दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को क्रिएटिव राइटिंग भी पढ़ाते हैं. यहाँ अखिल बात कर रहे हैं उन समयों की जिनमें कवि और कविता को कोमलता और सम्वेदनशील होने के साथ साथ सख़्त-जान और सख़्त-जिगर भी होना होता है. अपने समय की अंधेरी सचाइयों को कहने के लिए और ताक़त के सम्मुख खड़ा होने के लिए. वे बात कर रहे हैं उस माहौल के बारे में जिसमें अंग्रेज़ी न बोलने के लिए प्रताड़ित होते बच्चों के बीच वे बड़े हुए और कैसे हिंदी, अंग्रेज़ी, पंजाबी, उर्दू उनके होने का हिस्सा बनी. वे बात कर रहे हैं रवीश कुमार की लघु प्रेम कथाओं [लप्रेक] को अंग्रेज़ी में अनुवाद करने में उनके सामने आयी चुनौतियों के बारे में. और वे बात कर रहे हैं दक्षिण एशिया की क्वीयर राइटिंग के बारे में. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ.


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