Atharvashirsha Meaning Hindi (भाग 7)

5 Ratings
0
Episode
7 of 9
Duration
2min
Language
Hindi
Format
Category
Religion & Spirituality

श्लोक 12

अनेन गणपतिमभिषिञ्चति ।स वाग्मी भवति ।चतुथ्र्यामनश्नन् जपतिस विद्यावान् भवति ।इत्यथर्वणवाक्यम् ।ब्रह्माद्यावरणम् विद्यात् ।न बिभेति कदाचनेति ।।

अर्थात :- जो इस मन्त्र के उच्चारण के साथ गणेश जी का अभिषेक करता हैं उसकी वाणी उसकी दास हो जाती हैं | जो चतुर्थी के दिन उपवास कर जप करता हैं विद्वान बनता हैं | जो ब्रह्मादि आवरण को जानता है वह भय मुक्त होता हैं |

श्लोक 13

यो दूर्वाङ्कुरैर्यजति ।स वैश्रवणोपमो भवति ।यो लाजैर्यजति, स यशोवान् भवति ।स मेधावान् भवति ।यो मोदकसहस्रेण यजति ।स वाञ्छितफलमवाप्नोति ।यः साज्यसमिद्भिर्यजतिस सर्वं लभते, स सर्वं लभते ।।

अर्थात :- जो दुर्वकुरो द्वारा पूजन करता हैं वह कुबेर के समान बनता हैं जो लाजा के द्वारा पूजन करता हैं वह यशस्वी बनता हैं मेधावी बनता हैं जो मोदको के साथ पूजन करता हैं वह मन: अनुसार फल प्राप्त करता हैं | जो घृतात्क समिधा के द्वारा हवन करता हैं वह सब कुछ प्राप्त करता हैं | Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Read and listen as much as you want
  • Over 1 million titles
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • 14 days free trial, then €9.99/month
  • Easy to cancel anytime
Try now
image.devices-Singapore 2x

Other podcasts you might like ...