Rishton Ka Safar with Sanjay SinhaSanjay Sinha
iएक डॉक्टर को पढ़ाई के समय हड्डियों का ढाँचा यानि पिंजर सामने रखकर पढ़ाया जाता है। पिंजर को देखकर आम व्यक्ति या बच्चे तो डर भी जाते हैं, लेकिन इस कहानी के नायक की धारणा थी कि इसमें बरसों तक बसने वाली आत्मा कभी तो अपना पुराना घर देखने आती होगी। बाकी छात्र उसकी इस सोच की हंसी उड़ाते थे। परंतु उसकी ये धारणा सही साबित हुई। उस पिंजर की मालकिन वहाँ आई और अपनी कहानी भी सुनाई....क्या थी वो कहानी...सुनिए रवीद्र नाथ टैगोर की कहानी पिंजर में.....
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