Rishton Ka Safar with Sanjay SinhaSanjay Sinha
एक कुँवारी लड़की की अगर शादी न हो पा रही हो, तो उसके माता पिता को समाज में, खानदान में विचित्र नज़रों से देखा जाना और लड़की की खामियां निकालने की प्रक्रिया आरंभ हो जाना हमेश से होता रहा है। रविन्दनाथ टैगोर की प्रस्तुत कहानी में इन परिस्थितियों के अलावा एक परेशानी और है, वो ये कि नायिका सुभाषिणी सुंदर और काम काज में तो कुशल है पर दुर्भाग्य से बोल नहीं पाती है। पर महसूस सब कुछ करती है, अपने माता पिता की स्थिति भी और समाज की अपने प्रति अवहेलना भी.....लेकिन इस लड़की के मन को क्या किसी ने समझा.....सुनिए इस कहानी में..........
Step into an infinite world of stories
English
Singapore