कोरोना वायरस को लेकर जब भारत में लॉकडाउन लगाया गया तो मामलों की संख्या कुछ हजार तक सीमित थी. सभी को लगा कि फुल लॉकडाउन के बाद लोग राहत की सांस लेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. करीब दो महीने देश लॉकडाउन में रहा और उसके बाद भी कोरोना मामले हजार से लाखों तक पहुंचने लगे. इस सबके बीच हमने कोरोना कल्चर में जीना सीख लिया. हमारी जिंदगी में 'वर्क फ्रॉम होम', 'सोशल आइसोलेशन', 'फिजिकल डिस्टन्सिंग', 'हर्ड इम्युनिटी' जैसे शब्द रोजमर्रा का हिस्सा बन गए. अब देखते ही देखते भारत में कोरोना मामलों की संख्या 1 मिलियन यानी 10 लाख पार कर गई है.
भारत में पहला केस ३० जनवरी को रिपोर्ट किया गया था. पहले केस रिपोर्ट होने के बाद 1 लाख तक का आंकड़ा छूने में 110 दिन लगे. अगर 10 लाख संक्रमण का आंकड़ा है तो इस खतरनाक वायरस ने 25000 लोगों की जान भी ले ली है. और ये सब गणित मिला दें तो इस समय भारत दुनिया में कोरोनावायरस में संक्रमण के हिसाब से नंबर तीन पर है - नंबर एक पर अमेरिका है, और दो पर ब्राज़ील।
10 लाख का ये नंबर हमने कैसे पार किया। इस बीच क्या क्या हुआ? और वैश्विक स्तर पर हम संक्रमण के मामले में इंडिया से आगे जो दो देश यहीं, उनके मुक़ाबले हम किस तरह इस महामारी को हैंडल कर पा रहे हैं? आगे हमें किस तरह सतर्क रहने की ज़रुरत है, इन तमाम सवालों के जवाब आज इस पॉडकॉटस में एक्सपर्ट्स से समझेंगे जो कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर काफी जरूरी बातें बता रहे हैं. आप से रिक्वेस्ट है प्लीज आखिर तक ये पॉडकास्ट ज़रूर सुनें. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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