4.1
أدب الجريمة
जावेद कश्मीरी को उनकी तलाश थी जिन्होंने उस पर और उसके परिवार पर जुल्म किए थे. मगर उसके रास्ते में अड़े खड़े थे "चलते पुर्जे"! और चलते पुर्ज़ों से जावेद अकेला नहीं निपट सकता था. उसे विजय-विकास की ही नहीं बल्कि अलफांसे की मदद भी हासिल हुई. ये सब मिल कर भी चलते पुर्ज़ों को सबक़ सीखा पाए कि नहीं? ये बता रहें हैं "वेद प्रकाश शर्मा"! सुनिए उनकी इस नायाब कृति को और अनुभव कीजिए जादुई लेखन और आवाज़ के मेल को!
© 2021 Storyside IN (دفتر الصوت ): 9789353987343
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 10 مارس 2021
الوسوم
4.1
أدب الجريمة
जावेद कश्मीरी को उनकी तलाश थी जिन्होंने उस पर और उसके परिवार पर जुल्म किए थे. मगर उसके रास्ते में अड़े खड़े थे "चलते पुर्जे"! और चलते पुर्ज़ों से जावेद अकेला नहीं निपट सकता था. उसे विजय-विकास की ही नहीं बल्कि अलफांसे की मदद भी हासिल हुई. ये सब मिल कर भी चलते पुर्ज़ों को सबक़ सीखा पाए कि नहीं? ये बता रहें हैं "वेद प्रकाश शर्मा"! सुनिए उनकी इस नायाब कृति को और अनुभव कीजिए जादुई लेखन और आवाज़ के मेल को!
© 2021 Storyside IN (دفتر الصوت ): 9789353987343
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 10 مارس 2021
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خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
التقييم الإجمالي استنادًا إلى تقييمات :reviewالعد
مذهل
يخطف الأنفاس
غير متوقع
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