4.4
الأدب الكلاسيكي
निट्ठले की डायरी यह हरिशंकर परसाई की एक व्यंगात्मक रचना हैं. जहाँ उन्होंने आनंद को भी व्यंग का साध्य न बननेकी कोशोश की हैं. स्थितियोंकि भीतर छिपी विसंगतियोंको प्रकट करने में कई बार अतिरंजना का आश्रय लिया हैं. लेकिन हमें दिल खोलकर हसने की बजाय थोड़ा गम्भीर होकर सोचने की अपेक्षा लेखकने की हैं
© 2017 Storyside IN (دفتر الصوت ): 9789352841455
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 3 أكتوبر 2017
4.4
الأدب الكلاسيكي
निट्ठले की डायरी यह हरिशंकर परसाई की एक व्यंगात्मक रचना हैं. जहाँ उन्होंने आनंद को भी व्यंग का साध्य न बननेकी कोशोश की हैं. स्थितियोंकि भीतर छिपी विसंगतियोंको प्रकट करने में कई बार अतिरंजना का आश्रय लिया हैं. लेकिन हमें दिल खोलकर हसने की बजाय थोड़ा गम्भीर होकर सोचने की अपेक्षा लेखकने की हैं
© 2017 Storyside IN (دفتر الصوت ): 9789352841455
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 3 أكتوبر 2017
خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
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محفّز
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