यह उपन्यास अस्सी के दशक में मूलतः गुजराती में लिखा गया था और ‘संदेश अखवार(गुजराती) के रविवारीय परिशिष्ट में ‘ सूफी-अंधारी आलमानों अदृश्य मानवी’ टाइटल के तहत धारावाहिक छपा था। यह उपन्यास इस्लाम को देखने, समझने, की नयी दृष्टि प्रदान करता है आबिद सुरती का यह उपन्यास जिसमे सूफी समाज को केंद्र में रखकर लिखी गयी पटकथा के साथ एक विश्व स्तरीय परिदृश्य देखने को मिलता है।
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 2 يوليو 2021
الوسوم
यह उपन्यास अस्सी के दशक में मूलतः गुजराती में लिखा गया था और ‘संदेश अखवार(गुजराती) के रविवारीय परिशिष्ट में ‘ सूफी-अंधारी आलमानों अदृश्य मानवी’ टाइटल के तहत धारावाहिक छपा था। यह उपन्यास इस्लाम को देखने, समझने, की नयी दृष्टि प्रदान करता है आबिद सुरती का यह उपन्यास जिसमे सूफी समाज को केंद्र में रखकर लिखी गयी पटकथा के साथ एक विश्व स्तरीय परिदृश्य देखने को मिलता है।
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