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Economia & Negócios
‘समय-प्रबंधन’ पत्थर को पिघलाकर मोम करने जैसा मुश्किल काम है।
इस पुस्तक में उत्पादकता बढ़ाने के एक नए तरीक़े की चर्चा की गई है। वह नया तरीक़ा है - अपने पास उपलब्ध चौबीस घंटों में अधिकाधिक काम करने की जद्दोजहद की बजाए अपने मस्तिष्क का सही उपयोग करके बिना किसी विशेष प्रयास के थोड़े से समय में ही अधिकाधिक उत्पादकता प्राप्त करना।
‘समय-प्रबंधन नहीं, मन-प्रबंधन’ नामक इस पुस्तक में लेखक डेविड केडेवी ने अपने दशक भर लम्बे शोध के परिणाम साझा करते हुए बताया है कि निरंतर बदलती हुई दुनिया में ख़ुद को सही मायनों में उत्पादक कैसे बनाया जाए।
• अपनी दैनिक दिनचर्या छोड़ें : अपनी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अपने आसपास मौज़ूद ऐसे पैटर्न्स का उपयोग करें, जो किंचित आपकी नज़रों से छिपे हुए हैं।
• जिस काम में पहले दिन भर लगता था, उसे केवल पाँच मिनट में करें : चिंतन का काम अवचेतन मन को करने दें, इससे आपको सोचने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, बहुत सारा समय बचेगा, और चिंतन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
• ‘राइटर्स ब्लॉक’ या ‘रचनात्मक अवरोध’ जैसी कोई चीज़ नहीं होती : 19वीं सदी के उस वैज्ञानिक से एक शाश्वत सबक सीखें जिसकी प्रतिभा को बहुत कम करके आँका गया है।
• बिना ध्यान भटकाए प्रौद्योगिकी का पूरा लाभ उठाएँ : एक सस्ता-सा, कम प्रचलित-सा उपकरण रचनात्मकता और उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम बन सकता है।
• चाहे कितने भी तूफ़ान आएँ, आगे बढ़ते रहें : हर ‘कमाल का आईडिया’ किसी न किसी अप्रत्याशित परिस्थिति की ही देन होता है, इसलिए अप्रत्याशित परिस्थितियों से घबराए बिना आगे बढ़ते रहें।
‘समय-प्रबंधन नहीं, मन-प्रबंधन’ पुस्तक उत्पादकता बढ़ाने के उपाय बताने वाली आम पुस्तकों जैसी बिल्कुल नहीं है। बेहद दिलचस्प अंदाज़ में लिखी गई यह पुस्तक उत्पादकता के भविष्य को उद्घाटित करने के लिए की गई केडेवी की वैश्विक खोज को सामने रखती है।
© 2024 Sanage Publishing House (Ebook): 9789362057686
Data de lançamento
Ebook: 17 de junho de 2024
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