उर्वशी और पुरुरवा की प्रेमकथा

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Episode
11 of 63
Duration
11min
Language
Hindi
Format
Category
Thrillers

इला व बुध से जो पुत्र हुआ उनका नाम पुरुरवा था। पुरुरवा ने अपने पितामह चंद्र के नाम पर चंद्र वंश की स्थापना की और इला के बाद वह राजा बने। पुरुरवा में देव-सुलभ गुणों का समाहार था और वह प्रचंड बलशाली और प्रतापी राजा थे। पुरुरवा ने एक सौ अश्वमेध यज्ञ करवाकर स्वयं को देवों के समान यशोबल धारी बना दिया था। तीनों लोकों में पुरुरवा की वीरता की गाथाएं कही जाने लगीं। इससे प्रभावित हो कर देव-राज इंद्र ने भी पुरुरवा से मित्रता स्थापित की और असुरों के विरुद्ध युद्ध में कई-बार उनका समर्थन भी प्राप्त किया।

इंद्रलोक की सबसे सुंदरी अप्सरा उर्वशी के कानों में भी पुरुरवा के वीरता और यश की गाथाएं पड़ी। किसी मानव का इस तरह देव-सुलभ बलशाली होना साधारण बात नहीं थी। इसीलिए उर्वशी का मन भी एक बार पुरुरवा से मिलने को हुआ। बहरहाल उर्वशी को यह अवसर जल्द ही मिलने वाला था।

अपनी सखी चित्रलेखा के साथ उर्वशी एक बार धरा लोक की सुंदरता का आनंद लेने आई हुई थी, तभी उनका सामना केशी नामक एक दैत्य से हो जाता है। केशी के हृदय में उर्वशी जैसी अपूर्व सुंदरी स्त्री के लिए काम भावना जाग्रत होती है और वह बल पूर्वक उर्वशी का अपहरण करने की चेष्टा करने लगता है। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


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