Atharvashirsha Meaning Hindi (भाग 8)

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Episode
8 of 9
Duration
1min
Language
Hindi
Format
Category
Religion & Spirituality

श्लोक 14

अष्टौ ब्राह्मणान् सम्यग्ग्राहयित्वा,सूर्यवर्चस्वी भवति ।सूर्यग्रहे महानद्याम् प्रतिमासन्निधौवा जप्त्वा, सिद्धमन्त्रो भवति ।महाविघ्नात् प्रमुच्यते ।महादोषात् प्रमुच्यते ।महापापात् प्रमुच्यते ।स सर्वविद् भवति, स सर्वविद् भवति ।य एवम् वेद ।।

अर्थात :- जो आठ ब्राह्मणों को उपनिषद का ज्ञाता बनाता हैं वे सूर्य के सामान तेजस्वी होते हैं | सूर्य ग्रहण के समय नदी तट पर अथवा अपने इष्ट के समीप इस उपनिषद का पाठ करे तो सिद्धी प्राप्त होती हैं | जिससे जीवन की रूकावटे दूर होती हैं पाप कटते हैं वह विद्वान हो जाता हैं यह ऐसे ब्रह्म विद्या हैं | Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


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