গল্পের শেষে (Golper Sheshe)Audio Pitara by Channel176 Productions
राजा का प्रजा के प्रति व्यवहार गर्भवती स्त्री की तरह होना चाहिये। जिस प्रकार एक गर्भवती स्त्री अपने मन को अच्छे लगने वाले भोजन इत्यादि का त्यागकर वही करती है जो गर्भ में स्थित शिशु के लिये उचित होता है, उसी प्रकार धर्मात्मा राजा को अपनी प्रजा के साथ बर्ताव करना चाहिये।
वर्तितव्यं कुरुश्रेष्ठ सदा धर्मानुवर्तिना।
स्वं प्रियं तु परित्यज्य यद् यल्लोकहितम् भवेत्।।
एक धर्मात्मा राजा को अपने को प्रिय लगने वाले विषय का परित्याग करके जिसमें सभी लोगों का हिट हो वह कार्य करना चाहिये।
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