Mahakavyanchya Aprachlit KathaBIG FM
हर बच्चे के मन में कभी न कभी ये ज़रूर आता है कि मैं बड़ा हो जाऊँगा फिर ऐसा करूँगा, वैसा करूँगी......इसी तरह हर बड़ा हो चुका इंसान भी अक्सर सोचता है कि जब छोटे थे तभी सही था, काश बचपन वापिस आ जाए.....रवीन्द्र नाथ टैगोर की प्रस्तुत कहानी में इच्छपूर्ण देवता ने ऐसा ही चाहने वाले एक पिता पुत्र की इच्छा पूर्ति कर दी....फिर क्या हुआ....एक हल्के मूड में लिखी गहरे अर्थों वाली गुरुदेव की कलाम से निकली कहानी इच्छापूर्ण सुनिए हमारे इस पॉडकास्ट पर.......
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