خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
سير وتراجم
“अरे तुम कितनी दुर्दशा में हो। तुम्हारे असहाय चेहरे देखकर और तुम्हारे दीनता भरे शब्द सुनकर मेरा हृदय रोता है। तुम अपने ऐसे दीन-हीन जीवन से दुनिया के दुःख-दर्द क्यूं बढ़ाते हो? तुम अपनी माँ के गर्भ में ही क्यूं न मर गए? अब भी मर जाओ तो तुम संसार पर बड़ा उपकार करोगे। यदि तुम्हें जीवित रहना है, तो जिन्दादिल बनकर जियो। इस देश के अन्य नागरिकों को मिलता है, वैसा अन्न, वस्त्र और मकान तुम्हें भी हासिल हो। यह तुम्हारा जन्म-सिद्ध अधिकार है और इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए तुम्हें ही आगे आना होगा। बड़ी मेहनत तथा दृढ़ता के साथ संघर्ष करना होगा।” - डॉ. भीमराव अम्बेडकर
© 2019 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9789390605859
تاريخ الإصدار
كتاب : ١١ يوليو ٢٠١٩
الوسوم
أكثر من 200000 عنوان
وضع الأطفال (بيئة آمنة للأطفال)
تنزيل الكتب للوصول إليها دون الاتصال بالإنترنت
الإلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
عربي
المملكة العربية السعودية