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आख़िरी विदाई-पत्र: यादों की सीमा पर

Duration
2H 10min
Language
Hindi
Format
Category

Thrillers

एक ऐसी दुनिया में जहाँ यादों को खरीदा, बदला या मिटाया जा सकता है, वहाँ यह सवाल उठता है — क्या सच में यह जानना संभव है कि आप कौन हैं और आपने कभी किसे प्रेम किया था? आख़िरी विदाई-पत्र: यादों की सीमा पर एक भावनात्मक रूप से गहराई लिए मनोवैज्ञानिक रहस्यकथा है, जो विश्वासघात की पीड़ा और न मिट सकने वाली जिजीविषा से बुनी गई है। यह रोमांचक कहानी एवा हार्टली की यात्रा को आगे बढ़ाती है — एक ऐसी स्त्री जिसकी दुनिया उस समय उलट जाती है जब उसे अपने मृत घोषित पति का पत्र मिलता है और वे घाव फिर से खुल जाते हैं जिन्हें वह दफ़न कर चुकी थी। जैसे-जैसे एवा न्यूरोफ़ेज़ नामक रहस्यमयी स्मृति-प्रबंधन कार्यक्रम की गहराइयों में उतरती है — जो दिखावे में तो मानसिक चिकित्सा है लेकिन असल में एक नियंत्रित प्रयोग — उसे एक ऐसी साज़िश का पता चलता है जो उसकी कल्पना से कहीं अधिक भयावह है। ईथन — उसका पति, उसका संबल — जीवित है, लेकिन उसे कुछ याद नहीं। और उससे भी बुरा, वह समझता है कि वह किसी और से विवाह कर चुका है — एक प्रशिक्षित नियंत्रणकर्ता से, जो उसे सच्चाई से दूर रखने के लिए तैनात की गई है। एवा की यह यात्रा उसे छिपी प्रयोगशालाओं से लेकर कोडित स्वप्नों, टूटे वचनों और लहूलुहान सच्चाइयों तक ले जाती है। और तभी उसे भयावह सच का सामना करना पड़ता है — वह स्वयं ही इस पूरे प्रयोग की मूल विषय थी। और ईथन... केवल एक नियंत्रण इकाई। भावनात्मक यथार्थता और सिनेमाई तनाव से परिपूर्ण इस कहानी को लेखक माइका वेलर ने अद्भुत गहराई और जुनून से रचा है। वाचक रोहन शर्मा की आवाज़ हर शब्द में जीवन भर देती है, श्रोताओं को स्मृति और पहचान की भूलभुलैया से इस तरह ले जाती है जहाँ प्रेम को केवल समय ही नहीं, बल्कि सोची-समझी विस्मृति से भी लड़ना होता है। जब यादें रणभूमि बन जाती हैं, तब प्रेम अंतिम प्रतिरोध बन जाता है। यह कहानी उन लोगों के लिए है जो यह मानते हैं कि तकनीक जब नियंत्रण का औज़ार बन जाए, तब याद रखना सबसे बड़ा विद्रोह है। यह एक ऐसी अनुभूति है जो अंतिम शब्द के बाद भी आपके भीतर गूंजती रहती है — और स्मृति, पहचान तथा नियंत्रण को लेकर आपकी सारी मान्यताओं को चुनौती देती है।

© 2025 LAE Media (Audiobook): 9798318232787

Release date

Audiobook: August 16, 2025

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