3.4
Lyric & Poetry
पल-पल आकार बदलते, एक पल भी कहीं न टिकते... अभी इस रंग, अगले पल दूजे रंग! कभी अचानक दिखते, कभी गुम हो जाते... हां! बादलों की ही तरह बंजारे होते हैं सपने और भाव! इनका आना कविता, गरजना गीत, बरसना ग़ज़ल, तो उड़ जाना नज़्म है, इनका छा जाना ज़िन्दगी को खुद एक कविता में बदल देता है| ऐसे ही कुछ यायावर भाव इस कविता-संग्रह 'बंजारे ख़्वाब' में आपको दिख जाएंगे|
© 2018 Yatra Books (Audiobook): 9789383125180
Translators: Rashmi Dewan, Deep Ranjani Rai
Release date
Audiobook: September 14, 2018
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Lyric & Poetry
पल-पल आकार बदलते, एक पल भी कहीं न टिकते... अभी इस रंग, अगले पल दूजे रंग! कभी अचानक दिखते, कभी गुम हो जाते... हां! बादलों की ही तरह बंजारे होते हैं सपने और भाव! इनका आना कविता, गरजना गीत, बरसना ग़ज़ल, तो उड़ जाना नज़्म है, इनका छा जाना ज़िन्दगी को खुद एक कविता में बदल देता है| ऐसे ही कुछ यायावर भाव इस कविता-संग्रह 'बंजारे ख़्वाब' में आपको दिख जाएंगे|
© 2018 Yatra Books (Audiobook): 9789383125180
Translators: Rashmi Dewan, Deep Ranjani Rai
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Audiobook: September 14, 2018
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