Atharvashirsha Meaning Hindi (भाग 5)

5 Ratings
0
Episode
5 of 9
Duration
2min
Language
Hindi
Format
Category
Religion & Spirituality

श्लोक 9

एकदन्तञ् चतुर्हस्तम्,पाशमङ्कुशधारिणम् ।रदञ् च वरदम् हस्तैर्बिभ्राणम्,मूषकध्वजम् ।रक्तं लम्बोदरं,शूर्पकर्णकम् रक्तवाससम् ।रक्तगन्धानुलिप्ताङ्गम्,रक्तपुष्पैःसुपूजितम् ।भक्तानुकम्पिनन् देवञ्,जगत्कारणमच्युतम् ।आविर्भूतञ् च सृष्ट्यादौ,प्रकृतेः पुरुषात्परम् ।एवन् ध्यायति यो नित्यंस योगी योगिनां वरः ||

अर्थात :- भगवान गणेश एकदन्त चार भुजाओं वाले हैं जिसमे वह पाश,अंकुश, दन्त, वर मुद्रा रखते हैं | उनके ध्वज पर मूषक हैं | यह लाल वस्त्र धारी हैं | चन्दन का लेप लगा हैं | लाल पुष्प धारण करते हैं | सभी की मनोकामना पूरी करने वाले जगत में सभी जगह व्याप्त हैं | श्रृष्टि के रचियता हैं | जो इनका ध्यान सच्चे ह्रदय से करे वो महा योगि हैं |

श्लोक 10

नमो व्रातपतये, नमो गणपतये,नमः प्रमथपतये,नमस्ते अस्तु लम्बोदराय एकदन्ताय,विघ्ननाशिने शिवसुताय,वरदमूर्तये नमः ||

अर्थात :– व्रातपति, गणपति को प्रणाम, प्रथम पति को प्रणाम, एकदंत को प्रणाम, विध्नविनाशक, लम्बोदर, शिवतनय श्री वरद मूर्ती को प्रणाम | Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Read and listen as much as you want
  • Over 1 million titles
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • 14 days free trial, then €9.99/month
  • Easy to cancel anytime
Try for free
Details page - Device banner - 894x1036

Other podcasts you might like ...