كتب دينية
यदि व्यावहारिक तौर पर देखा तो मनुष्य जिस पारलौकिक आत्मा और परमात्मा की सत्ता के प्रति आस्था तथा सम्बन्ध स्थापित करता है, वास्तव में, वही धर्म का मूल तत्व है। चहुँ दिशाओं में अनन्त शत्तिफ़ का व्याप्त होना एवं उसके साथ ही ज्ञान और बौद्धिक संबंध स्थापित करने का नाम ही ‘धर्म’ है। धर्म ही मनुष्य के जीवन को उस अनन्त शत्तिफ़ के साथ बांधता है, साथ ही उसका मार्गदर्शन भी करता है। - इसी पुस्तक से
© 2020 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9788194883500
تاريخ الإصدار
كتاب : 6 مايو 2020
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यदि व्यावहारिक तौर पर देखा तो मनुष्य जिस पारलौकिक आत्मा और परमात्मा की सत्ता के प्रति आस्था तथा सम्बन्ध स्थापित करता है, वास्तव में, वही धर्म का मूल तत्व है। चहुँ दिशाओं में अनन्त शत्तिफ़ का व्याप्त होना एवं उसके साथ ही ज्ञान और बौद्धिक संबंध स्थापित करने का नाम ही ‘धर्म’ है। धर्म ही मनुष्य के जीवन को उस अनन्त शत्तिफ़ के साथ बांधता है, साथ ही उसका मार्गदर्शन भी करता है। - इसी पुस्तक से
© 2020 Prabhakar Prakshan (كتاب ): 9788194883500
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كتاب : 6 مايو 2020
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