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मास्क मैनिफेस्टो’ एक गहन और विचारोत्त्तेजक पुस्तक है जो मार्क्सवाद की भारतीय एवं वैश्विक संदर्भों में व्यापक चर्चाकरती है। पुस्तक का पूर्वार्द्धवामपंथ के सिद्धांतों, उद्देश्यों, तौर तरीकों के बारे में है तो उत्तरार्द्ध में भारतीय वामपंथ के वाहकों द्वारा सत्ता, संस्कृति और षड्यंत्र को लेकर किये जा रहे चालों कुचालों को उद्घाटित किया गया है।
यह पुस्तक मार्क्सवाद की सांस्कृतिक जड़ों, उसके विस्तार, अपडेशन, म्युटेशन और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण अवधारणाओं व खतरे पर प्रकाश डालती है। साम्राज्यवाद और वामपंथ एक दूसरे के पर्याय हैं तथा इस हेतु वामपंथियों नेसबवर्शन यानी समाज के मार्क्सवादी रूपांतरण करनेके लिए बाकायदा रणनीति बना रखी है। वामपंथ विश्वयुद्ध से अधिक हत्याएं कर चुका है लेकिन उसके यह सब कार्य मानवतावादी मुखौटे के पीछे छिपे हुए हैं। ‘मास्क मैनिफेस्टो’ का विषय उन समस्त मुखौटों की सत्यता से परिचित कराना है।
लेखक ने उन कारणों का विश्लेषण किया है जो यह स्पष्ट करते हैं कि भारत की तमाम सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक एजेंसियों में वामपंथी एजेंट कैसे घुसे हुए हैं और अपने अनुरूप व्यवस्थाओं को नियंत्रित नियमित कर रहे हैं, कैसेवेसांस्कृतिक मार्क्सवाद विचारधारा के सहारे धर्म, परम्परा, सनातन पद्धति में तोड़ फोड़ कर रहे हैं, आम आदमी के नाम पर पूंजीवादी मार्क्सवाद का एजेंडा कैसे लागू किया जा रहा है।
‘मास्क मैनिफेस्टो’ का एक मुख्य उद्देश्य हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति को कमजोर करनेके लिए वामपंथी शक्तियों द्वारा देश और देश से बाहर रची जा रही साजिशों का विश्लेषण करना है। मीडिया, अकादमिक जगत, साहित्य, कला और फिल्म उद्योग में वामपंथ के प्रसार और प्रभाव का अध्ययन पुस्तक में किया गया है। पूंजीवाद और साम्यवाद के बीच में पिसती दुनिया और भारत के सामने विकल्प के रूप में कौन सी व्यवस्था उपलब्ध है, इसका उल्लेख करते हुए पुस्तक का समापन होता है।
यह पुस्तक उन सबके लिए महत्वपूर्ण है जो वामपंथ द्वारा उत्पन्न कियेसंकट को समझना और समझाना चाहते हैं, जो वर्तमान भारत और विश्व में मार्क्सवादी विचारधारा के मानवतावादी मुखौटे के छिपे एजेंडे को जानना चाहते हैं।
© 2021 Bluone Ink Private Limited (eBook ): 9789365473995
Fecha de lanzamiento
eBook : 10 de septiembre de 2021
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