Non Fiksi
हरियाणा से मुंबई के सफ़र में जो एक चीज़ सुनीता शर्मा के साथ हमेशा रही वो थी आवाज़ की दुनिया. ऑल इंडिया रेडियो की एनाउंसर के तौर पर वॉइसओवर की दुनिया में कदम रखने वाली सुनीता आज वॉइसओवर और डबिंग की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं. दंगल फ़िल्म में आमिर ख़ान और तनु वेड्स मनु में कंगना रनौत द्वारा निभाए गए दत्तो किरदार के लिए दोनों अदाकारों को एक्सेंट ट्रेनिंग देने के बाद चर्चा में आई सुनीता शर्मा किताबों के बारे में बात करते वक़्त अपने बचपन के गलियारों में पहुँच जाती हैं. प्रेमचंद की निर्मला, कृष्णा सोबती की मित्रो की आवाज़ बनी सुनीता, शिवानी के उपन्यास "चौदह फेरे" और प्रभात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियों की किताब "कोठागोई" को भी ज़िंदा करती हैं. नई पीढ़ी की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में ब्रह्मकुमारी शुभा के लिखे कुछ बेहद ज़रूरी विषयों को सुनीता अपनी आवाज़ से शांति और मैडिटेशन की तरफ़ भी लेकर जाती हैं. व्यक्तित्व से बेहद सौम्य सुनीता शर्मा जब माइक के पीछे पहुँचती हैं तो आवाज़ के पुल से लेखक और श्रोताओं को बेहद मज़बूत डोर से बाँध देती हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ.
Tanggal rilis
Buku audio : 7 Maret 2020
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हरियाणा से मुंबई के सफ़र में जो एक चीज़ सुनीता शर्मा के साथ हमेशा रही वो थी आवाज़ की दुनिया. ऑल इंडिया रेडियो की एनाउंसर के तौर पर वॉइसओवर की दुनिया में कदम रखने वाली सुनीता आज वॉइसओवर और डबिंग की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं. दंगल फ़िल्म में आमिर ख़ान और तनु वेड्स मनु में कंगना रनौत द्वारा निभाए गए दत्तो किरदार के लिए दोनों अदाकारों को एक्सेंट ट्रेनिंग देने के बाद चर्चा में आई सुनीता शर्मा किताबों के बारे में बात करते वक़्त अपने बचपन के गलियारों में पहुँच जाती हैं. प्रेमचंद की निर्मला, कृष्णा सोबती की मित्रो की आवाज़ बनी सुनीता, शिवानी के उपन्यास "चौदह फेरे" और प्रभात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियों की किताब "कोठागोई" को भी ज़िंदा करती हैं. नई पीढ़ी की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में ब्रह्मकुमारी शुभा के लिखे कुछ बेहद ज़रूरी विषयों को सुनीता अपनी आवाज़ से शांति और मैडिटेशन की तरफ़ भी लेकर जाती हैं. व्यक्तित्व से बेहद सौम्य सुनीता शर्मा जब माइक के पीछे पहुँचती हैं तो आवाज़ के पुल से लेखक और श्रोताओं को बेहद मज़बूत डोर से बाँध देती हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ.
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