Lyric Poetry & Drama
“हर दिन एक नकाब पहन कर निकलता है, वो इंसान, ख़ुद की पहचान से डरता है” मुखौटा …. हर चेहरे पर चढ़ा है , और अक्सर हम खुद ही इससे अनजान भी होते हैं….. दिल चाहता कुछ और है , मगर हम ज़िंदगी में करते कुछ और है, कभी समाज के दबाव में , कभी किसी के प्रभाव में या फिर कभी किसी अभाव में इसी दोहरी ज़िंदगी को ज़रा नज़दीक से देखने की कोशिश , कुछ खुद को समझाने की इच्छा ….. या फिर दबे हुए भावों को ही हमने पहना दिया है ……एक मजबूरी का मुखौटा.
© 2023 myAudioBits (Audiobook): 9789390925889
Release date
Audiobook: 1 March 2023
Lyric Poetry & Drama
“हर दिन एक नकाब पहन कर निकलता है, वो इंसान, ख़ुद की पहचान से डरता है” मुखौटा …. हर चेहरे पर चढ़ा है , और अक्सर हम खुद ही इससे अनजान भी होते हैं….. दिल चाहता कुछ और है , मगर हम ज़िंदगी में करते कुछ और है, कभी समाज के दबाव में , कभी किसी के प्रभाव में या फिर कभी किसी अभाव में इसी दोहरी ज़िंदगी को ज़रा नज़दीक से देखने की कोशिश , कुछ खुद को समझाने की इच्छा ….. या फिर दबे हुए भावों को ही हमने पहना दिया है ……एक मजबूरी का मुखौटा.
© 2023 myAudioBits (Audiobook): 9789390925889
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Audiobook: 1 March 2023
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