วรรณกรรมเยาวชน
‘समर्पण ध्यानयोग’ संस्कार के प्रणेता सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी पिछले चौदह वर्षों से समर्पण आश्रम, दांडी में पैंतालीस दिवसीय गहन ध्यान अनुष्ठान करते आ रहे हैं। इन दिनों में पूज्य गुरुदेव सतत ध्यान की उच्चतम स्थिति में होते हैं और मनुष्य समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए लिखित संदेश भेजते रहते हैं।
२०२० का वर्ष पूज्य गुरुदेव ने ‘बाल वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। वर्तमान समय में स्पर्धापूर्र्ण तनावयुक्त वातावरण में सभी बच्चे स्वस्थ, सुरक्षित एवं सुसंस्कृत रहें, इसी उद्देश्य से पूज्य गुरुदेव ने अपने इस वर्ष के अनुष्ठान के लिखित संदेशों के माध्यम से बच्चों को समर्पण ध्यानयोग संस्कार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है। यह पुस्तिका उनके इन्हीं संदेशों का संकलन है।
बच्चे समर्पण ध्यान संस्कार ग्रहण करके नियमित ध्यान साधना द्वारा अपने अंदर छुपी ऊर्जा को सक्रिय करके खुद के सकारात्मक, शक्तिशाली सुरक्षा कवच का निर्माण कर सकते हैं और निकट भविष्य में और अधिक फैलने वाली नैराश्य जैसी भयानक बीमारी से खुद की सुरक्षा कर सकते हैं। वे सकारात्मक, संतुलित, सफल, अबोधितायुक्त, सुखमय जीवन जीते हुए इसी जीवन में कर्ममुक्त अवस्था यानी मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया अवश्य ही नवयुग के निर्माण की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इन संदेशों के माध्यम से बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अवश्य लाभांवित होंगे, ऐसा हमें विश्वास है।
© 2020 Babaswami Printing & Multimedia Pvt Ltd (หนังสือเสียง ): 9781662263446
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง : 4 สิงหาคม 2563
วรรณกรรมเยาวชน
‘समर्पण ध्यानयोग’ संस्कार के प्रणेता सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी पिछले चौदह वर्षों से समर्पण आश्रम, दांडी में पैंतालीस दिवसीय गहन ध्यान अनुष्ठान करते आ रहे हैं। इन दिनों में पूज्य गुरुदेव सतत ध्यान की उच्चतम स्थिति में होते हैं और मनुष्य समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए लिखित संदेश भेजते रहते हैं।
२०२० का वर्ष पूज्य गुरुदेव ने ‘बाल वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। वर्तमान समय में स्पर्धापूर्र्ण तनावयुक्त वातावरण में सभी बच्चे स्वस्थ, सुरक्षित एवं सुसंस्कृत रहें, इसी उद्देश्य से पूज्य गुरुदेव ने अपने इस वर्ष के अनुष्ठान के लिखित संदेशों के माध्यम से बच्चों को समर्पण ध्यानयोग संस्कार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है। यह पुस्तिका उनके इन्हीं संदेशों का संकलन है।
बच्चे समर्पण ध्यान संस्कार ग्रहण करके नियमित ध्यान साधना द्वारा अपने अंदर छुपी ऊर्जा को सक्रिय करके खुद के सकारात्मक, शक्तिशाली सुरक्षा कवच का निर्माण कर सकते हैं और निकट भविष्य में और अधिक फैलने वाली नैराश्य जैसी भयानक बीमारी से खुद की सुरक्षा कर सकते हैं। वे सकारात्मक, संतुलित, सफल, अबोधितायुक्त, सुखमय जीवन जीते हुए इसी जीवन में कर्ममुक्त अवस्था यानी मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया अवश्य ही नवयुग के निर्माण की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इन संदेशों के माध्यम से बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अवश्य लाभांवित होंगे, ऐसा हमें विश्वास है।
© 2020 Babaswami Printing & Multimedia Pvt Ltd (หนังสือเสียง ): 9781662263446
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