วรรณกรรมคลาสสิค
पागल नामक उपन्यास मोहन लाल मिश्रा 'धीरज' जी द्वारा लिखा गया है। ’धीरज' जी ने इस उपन्यास के माध्यम से देश भक्ति, और देश प्रेम का बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया है। 'धीरज' जी इस उपन्यास के माध्यम से कहते है की " देशभक्ति में अपने दायित्वों का निर्वाह पूर्ण निष्ठा एवं विवेक के साथ करना ही जीवन का उद्देश्य है, उसके लिए सब कुछ न्यौछावर करना होता है। यहाँ तक स्वयं को भी तब देश की रक्षा होती है"।
© 2023 True Sign Publishing House (อีบุ๊ก ): 9789355844095
วันที่วางจำหน่าย
อีบุ๊ก : 20 เมษายน 2566
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पागल नामक उपन्यास मोहन लाल मिश्रा 'धीरज' जी द्वारा लिखा गया है। ’धीरज' जी ने इस उपन्यास के माध्यम से देश भक्ति, और देश प्रेम का बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया है। 'धीरज' जी इस उपन्यास के माध्यम से कहते है की " देशभक्ति में अपने दायित्वों का निर्वाह पूर्ण निष्ठा एवं विवेक के साथ करना ही जीवन का उद्देश्य है, उसके लिए सब कुछ न्यौछावर करना होता है। यहाँ तक स्वयं को भी तब देश की रक्षा होती है"।
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