Bulbul Hazaar Dastaan | बुलबुल हज़ार दास्तान Acharya Chatursen Shastri
ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด
ओरछा की नर्तकी प्रवीणराय को बादशाह अकबर द्वारा मांगना लेकिन ओरछा द्वारा नर्तकी देने की बजाय बादशाह से यद्ध करने का निर्णय करना और ये पता चलने पर प्रवीणराय द्वारा अकेले बादशाह के दरबार में जाकर वहाँ से अपने सतीत्व को बचाकर ससम्मान ओरछा लौटने और बादशाह का विचार बदलने वाली वीरांगना की कहानी
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หนังสือเสียง : 6 กันยายน 2565
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