Kala Ki Rooprekha | कला की रूपरेखा Suryakant Tripathi Nirala
ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด
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เรื่องสั้น
ओरछा की नर्तकी प्रवीणराय को बादशाह अकबर द्वारा मांगना लेकिन ओरछा द्वारा नर्तकी देने की बजाय बादशाह से यद्ध करने का निर्णय करना और ये पता चलने पर प्रवीणराय द्वारा अकेले बादशाह के दरबार में जाकर वहाँ से अपने सतीत्व को बचाकर ससम्मान ओरछा लौटने और बादशाह का विचार बदलने वाली वीरांगना की कहानी
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หนังสือเสียง : 6 กันยายน 2565
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