4.6
स्वामी विवेकानंद एक भारतीय युवा हिंदू संन्यासी थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का परचम विश्व भर में लहराया. अमेरिका के शिकागो शहर में साल 1893 में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में उनका दिया भाषण आज भी याद किया जाता है, जिसके जरिए उन्होंने भारत की अलग पहचान दुनिया के सामने रखी थी. 25 साल की उम्र से ही विवेकानंद केवल गेरुआ रंग के वस्त्र पहनते थे. दुनिया घूमने से पहले उन्होंने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा कर ली थी. जिम और क्रिकेट के शौकीन विवेकानंद जी ने बहुत पहले ही कह दिया था कि वह 40 साल से ज्यादा नहीं जियेंगे. और ठीक 39 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. लेकिन इतनी कम उम्र में उन्होंने इतना बड़ा काम कर दिया कि भारत का यूथ आज भी उनका दिवाना है. उनका एक प्रसिद्ध जीवन मंत्र है- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง
: 30 สิงหาคม 2563
อีบุ๊ก
: 30 สิงหาคม 2563
แท็ก
4.6
स्वामी विवेकानंद एक भारतीय युवा हिंदू संन्यासी थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का परचम विश्व भर में लहराया. अमेरिका के शिकागो शहर में साल 1893 में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में उनका दिया भाषण आज भी याद किया जाता है, जिसके जरिए उन्होंने भारत की अलग पहचान दुनिया के सामने रखी थी. 25 साल की उम्र से ही विवेकानंद केवल गेरुआ रंग के वस्त्र पहनते थे. दुनिया घूमने से पहले उन्होंने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा कर ली थी. जिम और क्रिकेट के शौकीन विवेकानंद जी ने बहुत पहले ही कह दिया था कि वह 40 साल से ज्यादा नहीं जियेंगे. और ठीक 39 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. लेकिन इतनी कम उम्र में उन्होंने इतना बड़ा काम कर दिया कि भारत का यूथ आज भी उनका दिवाना है. उनका एक प्रसिद्ध जीवन मंत्र है- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง
: 30 สิงหาคม 2563
อีบุ๊ก
: 30 สิงหาคม 2563
แท็ก
ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด
คะแนนโดยรวมอ้างอิงจากการให้คะแนน 1468
สร้างแรงบันดาลใจ
สร้างแรงผลักดัน
ให้ความรู้
ดาวน์โหลดแอปเพื่อเข้าร่วมการสนทนาและเพิ่มบทวิจารณ์
ภาษาไทย
ประเทศไทย