लॉकडाउन में घरेलु हिंसा: औरतों के लिए 'स्टे होम स्टे सेफ' कितना मुश्किल?

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Episode
188 of 376
ระยะเวลา
15นาที
ภาษา
ภาษาฮินดู
รูปแบบ
หมวดหมู่
นอนฟิกชั่น

भारत में घरेलु हिंसा हमेशा से एक बड़ा सामाजिक मुद्दा रहा है. लॉकडाउन से पहले जो औरतें अपने अब्यूसिव पतियों के घर से जाने का इंतज़ार करती थी, ताकि वो चैन की सांस कुछ घंटो के लिए ही सही, मगर ले सकें. वो अब उन्ही ज़ुल्म ढाते पतियों के साथ अपने घरों में बंध हो चुकी हैं. कुछ के पास तो खुद का फ़ोन भी नहीं होता तो हिंसा के बाद मदद कैसे मांगे, और कोई मदद देने के लिए आना भी चाहे तो लॉकडाउन में वो कैसे मुमकिन है? ऐसे बढ़ते हुए मामलो की वजह से NCW ने एक अलर्ट जारी किया जिस में एक व्हाट्सप्प नंबर दिया है - 7217735372

लेकिन बहुत साड़ी ऐसी औरतें भी हैं जो ये नंबर शायद इस्तेमाल ही न कर पाएं। इसके पीछे की वजह जानने के लिए, और लॉकडाउन में अब्यूसिव पार्टनर्स के साथ क़ैद औरतों के मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे आज बिग स्टोरी में. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


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