52: हिंद युग्म में कोई सेल्स विभाग नहीं, सब निर्णय एडिटर्स ही लेते हैं: शैलेश भरतवासी

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Episode
52 of 116
ระยะเวลา
50นาที
ภาษา
ภาษาฮินดู
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अपने प्रकाशन हिंद युग्म के मार्फ़त हिंदी में साहित्यिक पुस्तकों के प्रकाशन और डिस्ट्रीब्यूशन को थोड़े समय में ही बदल देने वाले शैलेश भरतवासी आज हिंदी के सुपरस्टार पब्लिशर हैं. वे पहले प्रकाशक हैं जिन्हें मूलतः डिजिटल युग की पैदाइश कहा जा सकता है. उनके प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताबें लगातार बेस्टसेलर रही हैं और उनके कई लेखक अब 'लखप्रति क्लब' में शामिल हैं यानि उनकी पुस्तकों की एक लाख से अधिक प्रतियाँ पाठक ख़रीद चुके हैं. इस बातचीत में शैलेश चर्चा कर रहे हैं बदलाव की इस कहानी की. हिंदी साहित्य और प्रकाशन से जुड़े लोगों के साथ साथ नये लेखकों और पाठकों श्रोताओं के लिए एक ज़रूरी बातचीत. हिंद युग्म की जो बेस्टसेलर किताबें आब स्टोरीटेल पर सुन सकते हैं उनमें सत्य व्यास की 84, दिव्य प्रकाश दुबे की 'अक्टूबर जंक्शन', अनु सिंह चौधरी की 'भली लड़कियाँ बुरी लड़कियाँ', नीलोत्पल मृणाल की 'औघड' शामिल हैं. आने वाले दिनों में आप हिंद युग्म की और भी किताबें स्टोरीटेल पर सुन पाएँगे.


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