73: इंदौर के किसी सरकारी कर्मचारी ने छुट्टी का सोचा भी नहीं है: कैलाश वानखेड़े

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Episode
73 of 116
ระยะเวลา
31นาที
ภาษา
ภาษาฮินดู
รูปแบบ
หมวดหมู่
นอนฟิกชั่น

कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा सातवाँ पॉडकास्ट है. इस बार हम बातचीत कर रहे हैं इंदौर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट और हिंदी के अग्रणी कथाकार कैलाश वानखेड़े से. इंदौर भारत के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में से है और वहाँ प्रशासन के सम्मुख अन्य चुनौतियाँ भी रही हैं जिन्होंने इस लड़ाई को और भी मुश्किल बना दिया. कैलाश बता रहे हैं इंदौर प्रशासन कैसे इन सब चुनौतियों के साथ साथ अपने एक पुलिसकर्मी साथी के संक्रमण से देहांत के दुखद सदमे से उबरा और कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई को युद्ध समझकर फिर से कर्मठता से जुट गया. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना संकट के दौरान हमारे अन्य पॉडकास्ट: 6. मिलिये उस अभिनेत्री से जो मुंबई में कोरोना मरीज़ों की सेवा नर्स के रूप में कर रही है https://audioboom.com/posts/7559410- 5. सरकारी क्षेत्र किसी को बेलआउट करने जितना समर्थ नहीं रह जाएगा: डॉ. अवनींद्र ठाकुर https://audioboom.com/posts/7553275- 4. ख़बर के लिए बाहर सड़क पर जाने में कोई डर नहीं: राहुल कोटियाल https://audioboom.com/posts/7548910- 3. लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें?: डॉ. स्कंद शुक्ल https://audioboom.com/posts/7542314- 2. अचानक लगा हम निर्वासित हो गए हैं, देश के धूल धक्के में लौटना है: मी और जे https://audioboom.com/posts/7539665- 1. यह संसार का अंत क़तई नहीं है, उम्मीद रखिये, ख़याल रखिये: डॉ. प्रवीण झा https://audioboom.com/posts/7536684-


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