जैसे देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा हैं, वैसे ही दानवों में मयासुर शिल्पकार हैं। महाभारत काल में इन्द्रप्रस्ठ का महल मयासुर की शिल्पकला का उदहारण है। मयासुर की पुत्री मंदोदरी रावण की पत्नी थी। मयासुर के सो और पुत्र थे दुंदुभि और मायावी।
दुंदुभि का शरीर एक विशालकाय भैंसे के समान था और वो हज़ारों हाथियों से भी ज्यादा बलशाली था। अपने बल के घमंड से चूर एक दिन वो हिमवान पर्वत को द्वंद्व के लिए ललकारने लगा। हिमवान ने उससे कहा,”मुझसे द्वंद्व करने के बजाय किष्किंधा में इंद्र का पुत्र वाली राजा है, उससे द्वंद्व करो।“
दुंदुभि ने किष्किंधा जाकर वाली को ललकारा। वाली और दुंदुभि का द्वंद्व कई दिनों तक चला और अंत में वाली ने दुंदुभि का वध कर दिया। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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