उद्योग का महत्व

  • โดย
  • Episode
      10
  • Published
      22 ก.ค. 2565
  • สำนักพิมพ์
0 การให้คะแนน
0
Episode
10 of 20
ระยะเวลา
{m}นาที
ภาษา
ภาษาฮินดู
รูปแบบ
หมวดหมู่

राजा को सदा ही उद्योगशील अर्थात् कर्मठ होना चाहिये। जो राजा उद्योग को छोड़कर बेकार बैठा रहता है उसकी प्रशंसा नहीं होती। इस विषय में शुक्राचार्य ने यह श्लोक कहा है,

द्वाविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिव।

राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चा प्रवासिनम्।।

मतलब जैसे साँप बिल में रहने वाले चूहों को निगल जाता है, उसी प्रकार शत्रुओं से युद्ध न करने वाले राजा और विद्याध्ययन न करने वाले ब्राह्मण को पृथ्वी निगल जाती है। अर्थात् वे बिना कुछ कर्म किये ही मृत्यु को प्राप्त होते हैं।

जो सन्धि के योग्य हो उससे सन्धि और जो विरोध करने योग्य हो उसका डटकर विरोध करना चाहिये। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


ฟังและอ่าน

ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด

  • อ่านและฟังได้มากเท่าที่คุณต้องการ
  • มากกว่า 1 ล้านชื่อ
  • Storytel Originals ผลงานเฉพาะบน Storytel
  • 199บ./ด.
  • ยกเลิกได้ทุกเมื่อ
เริ่ม
Details page - Device banner - 894x1036

พอดแคสต์อื่น ๆ ที่คุณอาจชอบ ...