خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
"रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है" मशहूर शायर राहत इन्दौरी की ये किताब पहली बार ऑडियो में आयी है! आज राहत साहब तो हमारे साथ नहीं हैं, मगर अपने शायरी के ज़रिए जो तोहफ़ा उन्होंने हम सब को दिया है, वो उन्हें हम सब में ज़िंदा रखेगा. ये किताब सुनिएगा ज़रूर! राहत एक अरबी लफ़्ज है। इसका एक अर्थ आराम भी है, लेकिन राहत इन्दौरी ने इस आराम को बेआराम बनाकर अपनी शायरी की बुनियादें रखी हैं। उनके यहाँ ये बेआरामी जाती कम, कायनाती ज्यादा है। उनकी इस कायनात का रकबा काफी फैला हुआ है। इसमें मुल्की ग़म भी है और मुल्क के बाहर के सितम भी हैं। ऐसा नहीं है कि उनकी अपनी बातों से उनकी ग़ज़ल यहीं तक सीमित नहीं है। उनकी होशमंदी ने उन्हें जीते-जागते समाज का एक सदस्य बनाकर इस सीमित दायरे को फैलाया भी है और शायरी को अपने सामय का आईना भी बनाया है। इस आईने में जो परछाइयाँ चलती-फिरती नज़र आती हैं, वो ऐसा इतिहास रचती महसूस होती हैं, जो सामाजिक उतार-चढ़ाव में शरीक होकर आम लफ़्जों में ढली हैं। राहत इन्दौरी इतिहास को अपी ग़ज़लों के माध्यम से स्टेज पर अपनी ड्रामाई प्रस्तुति से सुनाते भी हैं और श्रोताओं को चौंकाते भी हैं।
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 11 أغسطس 2021
أكثر من 200000 عنوان
وضع الأطفال (بيئة آمنة للأطفال)
تنزيل الكتب للوصول إليها دون الاتصال بالإنترنت
الإلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
قصص لكل المناسبات.
حساب واحد
حساب بلا حدود
1 حساب
استماع بلا حدود
إلغاء في أي وقت
عربي
الإمارات العربية المتحدة